कितना स्वस्थ है आपका स्वास्थ्य बीमा?

एक जानी-मानी जीवन बीमा कंपनी अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के विज्ञापन में लोगों से सवाल पूछती है कि क्या आपका हेल्थ इंश्योरेंस स्वस्थ है? अगर यह सवाल आपसे पूछा जाए तो शायद आप अपने कंधे उचका कर जवाब देंगे – मुझे नहीं मालूम। पर आपका जवाब सही नहीं है। यह हमारी राय में लापरवाही से भरा विचार है।

अगर आप सेहत संबंधी किसी समस्या के आ जाने पर आर्थिक चिंताओं से मुक्ति पाना चाहते हैं तो जैसे आपकी सेहत हमेशा सही रहनी चाहिए, ठीक वैसे ही आपके हेल्थ इंश्योरेंस की भी सेहत हमेशा चुस्त-दुरुस्त रहनी चाहिए। ध्यान रखें कि जैसे गाड़ी टूटने के बाद बीमा नहीं होता, ठीक वैसे ही बीमार होने के बाद हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी भी नहीं मिलती।

पता कीजिए: आप अगर हेल्थ इंश्योरेंस लेना चाहते हैं तो यह पता कीजिए कि आपको बीमा कंपनी हेल्थ कवर देगी या नहीं? अगर देगी तो क्या उसका सम-एश्योर्ड इतना रहेगा कि आनेवाले दिनों में किसी मेडिकल इमर्जेंसी के समय उस खर्च को कवर करने में सक्षम होगा।

नौकरीपेशा हैं तो: एक सर्वेक्षण में पाया गया है कि 80 फीसदी कर्मचारियों को पता नहीं होता कि उनका मेडिक्लेम कितने सम-एश्योर्ड का है और उसकी सीमा क्या है? अगर आप कहीं नौकरी करते हैं तो पता करें कि कितने का कवर है और उसकी क्या लिमिट क्या है? यही बातें आप ग्रुप पर्सनल एक्सीडेंट कवर के बारे में भी पता करें।

रिन्यूवल की चिंता नहीं: आमतौर पर किसी एक बीमा कंपनी से अधिकतम पांच लाख रुपए सम-एश्योर्ड की पॉलिसी मिलती है। वैसे पिछले दिनों में सभी कंपनियों ने इसे बढ़ा कर प्रति व्यक्ति दस लाख रुपए कर दिया है। पॉलिसी के साल-दर साल रिन्यूअल की चिंता न करें क्योंकि ज्यादातर कंपनियां अब पॉलिसी को आजीवन रिन्यू करने लगी हैं।

सही विकल्प: बेहतरीन विकल्प के तौर पर आप अपने परिवार के लिए दस लाख रुपए तक की फेमिली फ्लोटर पॉलिसी ले सकते हैं और निजी कवर के लिए आप विभिन्न बीमा कंपनियों से पॉलिसी लेकर अपना कवर बढ़ा सकते हैं।

ऑनलाइन खरीदें: जानकारों का कहना कि आज के तरक्कीपसंद जमाने में हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को ऑनलाइन खरीदना बेहतर रहेगा। कई बीमा कंपनियां इस चैनल को बढ़ावा देने में लगी हैं। लिहाजा वे प्रीमियम में दो से पांच फीसदी की छूट भी देती हैं।

सावधानी बरतें: हेल्थ इंश्योरेंस की आवश्यकता को समझना और अपने लिए बेहतरीन पॉलिसी का चुनाव करना आम आदमी के लिए बहुत पेचीदा काम है। लेकिन ये पॉलिसियां धनवान लोगों के लिए हैं। इनका प्रीमियम भी ज्यादा होता है और उपचार के लिए कुछ बड़े अस्पताल ही इन पॉलिसियों की सूची में शामिल रहते हैं। ये बड़े अस्पताल आम आदमी की पहुंच से बाहर होते हैं।

सम-एश्योर्ड देखें: हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम के साथ सम-एश्योर्ड को देखें और जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती जाए, उसे बढ़ाते जाएं क्योंकि उम्र बढऩे के साथ विभिन्न प्रकार की बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है और उनके उपचार का खर्च भी समय के साथ-साथ ही बढ़ता जाता है। इसलिए लेने के पहले यह जरूर देखें कि इस पॉलिसी की क्लेम लिमिट क्या है। पहले बेसिक प्रोडक्ट लें और उसके बाद ही टॉप-अप प्रोडक्ट लें।

क्या है बेहतर: जानकारों का कहना है कि जनरल इंश्योरेंस कंपनियों की हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के बजाय जीवन बीमा कंपनियों के हेल्थ प्लान खरीदना बेहतर रहता है। बाजार में ऐसी योजनाओं की भरमार है। ये योजनाएं मुख्यतः यनिट लिंक्ड होती हैं। इनसे फायदा यह है कि कुछ खास बीमारियां होने पर कंपनियां एकमुश्त रकम का भुगतान करती हैं। इस सिलसिले में पिछले दिनों भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा लांच की गई नॉन-लिंक्ड पॉलिसी जीवन आरोग्य एक अच्छा विकल्प होगा।

आपकी सुविधा के लिए: ढेर सारी योजनाओं में से सबसे अच्छी या स्वस्थ हेल्थ इंश्योरेंस का चयन करना बड़ा मुश्किल है। हम पाठकों की सुविधा के कुल कुछ योजनाओं के नाम बता रहें हैं। पर बेहतर यह रहेगा कि इनके प्रीमियम, प्रोडक्ट फीचर्स व सर्विस कैपिबिलिटी के बारे में सोच-विचार कर ही फैसला लें।

स्वस्थ हेल्थ इंश्योरंस: जानकारों ने अपोलो म्यूनिख इजी हेल्थ स्टैंडर्ड, अपोलो म्यूनिख इजी हेल्थ एक्सक्लूसिव, अपोलो म्यूनिख इंश्योर हेल्थ, बजाज अलायंज हेल्थ इंश्योर, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड फेमिली फ्लोटर-सिंगल एडल्ट, स्टार हेल्थ एंड एलाइड मेडिक्लासिक, अपोलो म्यूनिख इजी हेल्थ प्रीमियम, बजाज अलायंज इंडीविजुअल हेल्थगार्ड, भारती अक्सा स्मार्ट हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम, फ्यूचर जेनराली हेल्थ सुरक्षा बेसिक प्लान, एचडीएफसी एर्गो हेल्थ सुरक्षा इंडीविजुअल, नेशनल इंश्योरेंस इंडीविजुअल मेडिक्लेम व मैक्स बूपा हेल्थ केयरगोल्ड को स्वस्थ पॉलिसी माना है।

चिंता न करें: अब आप अपनी बीमा कंपनी की सेवा से संतुष्ट नहीं हैं तो अब चिंता करने की कोई बात नहीं। हेल्थ पोर्टबिलिटी आ जाने की वजह से आप अब तो कंपनी बदल भी सकते हैं। पहले यह सुविधा 1 जुलाई से लागू होनी थी। अब इसकी तारीख बढ़ाकर 1 अक्टूबर कर दी गई है।

राजेश विक्रांत (लेखक मुंबई में कार्यरत बीमा प्रोफेशनल हैं)

1 Comment

  1. I am 63yrs old retired man getting about Rs.30000.00 pension p.m.please choos me a good health policy.

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