हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने के लिए हर वक्त सही

हर चीज का एक खास व सही वक्त होता है पर हेल्थ इंश्योरेंस के लिए हर वक्त सही होता है। कहा जाता है कि सेहत है तो दौलत है और अपने जीवन का ठीक-ठाक बीमा करा लेने के तुरंत बाद हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने की जरूरत भी किसी नेमत से कम नहीं है। एक समय था जब हेल्थ इंश्योरेंस को सुरक्षित नहीं समझा जाता था। लोगों को जिस एक बीमा के बारे में जानकारी होती थी और जिसे वे लेते थे, वह थी जीवन बीमा पॉलिसी। लेकिन अब यह व्यवस्था तेजी से अतीत की बात बनती जा रही है।

हेल्थ इंश्योरेंस बढ़ रहा है 50 फीसदी की दर से: पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के एक अध्ययन के अनुसार हेल्थ इंश्योरेंस बिजनेस ५० फीसदी की दर से बढ़ रहा है और इस साल इसके २५८७५ करोड़ रुपए तक पहुंच जाने की उम्मीद है। हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में भी हर साल २० फीसदी की दर से बढ़ोतरी हो रही है।

हर परिवार की जरूरत: सच पूछा जाए तो हेल्थ इंश्योरेंस आज के हर परिवार की जरूरत बनता जा रहा है। मध्यम आय वर्ग हो या उच्च वर्ग हर ओर हेल्थ इंश्योरेंस का महत्व महसूस किया जाता है। इसका कारण यह है कि अब जीवन शैली और खानपान के तौर तरीके बदलने के साथ ही बीमारियों की प्रकृति भी बदल गई है। और हेल्थ इंश्योरेंस इनका सामना करने का सबसे कारगर हथियार है।

कैसे करें सही चुनाव: सही हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का चुनाव करना मुश्किल भरा हो सकता है। मुंबई की कंप्यूटर प्रोफेशनल पूनम यादव कहती हैं जब मैंने हेल्थ इंश्योरेंस लेने का मन बनाया तो मैं यह जानकर दंग रह गई कि मार्केट में बेसिक कवर से लेकर जटिल सर्जिकल प्रोसीजर्स और क्रिटिकल इलनेस तथा हॉस्पिटल कैश रि-इम्बर्समेंट तक तमाम योजनाएं मौजूद हैं। काफी सोचने के बाद आखिकार मैंने एक प्राइमरी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का फैसला किया।

सेहत की दिशा में पहला कदम: जानकारों के मुताबिक हमारे देश में स्वास्थ्य सेवाओं का कारोबार फिलहाल २लाख करोड़ रुपए का है और यह कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। सन २०१२ तक इस कारोबार के ३ लाख करोड़ रुपए का आंकड़ा छूने का अनुमान है। ऐसी हालत में स्वास्थ्य सेवाओं की कीमत भी दिनोदिन बढ़ रही है। हेल्थ इंश्योरेंस इसका सामना करने का जरिया है। इसलिए उचित व परिपूर्ण हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदना सेहतमंद दिशा में पहला कदम भी है।

परफेक्ट हेल्थ पॉलिसी कोई नहीं: आपको यह ध्यान रखना है कि बीमा बाजार में परफेक्ट हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी जैसी कोई चीज मौजूद नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति को खुद यह फैसला करना होता है कि उसकी जीवन शैली शैली और उसकी पारिवारिक आवश्यकताओं के आधार पर उसकी जरूरतें क्या है? बीमा सलाहकार अंकुश सावंत कहते हैं कि आप अपनी पॉलिसी से क्या चाहते हैं, आपको कितनी रकम का कवर चाहिए, आपकी आवश्यकता क्या है, और पॉलिसी का प्रीमियम कितना है? इसके आधार पर आप अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का चुनाव करें।

आपका नुकसान न हो: हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ऐसी हो जो आपको कई प्रकार की चिंताओं से मुक्ति दिला सके। यदि आप या आपके परिवार का कोई सदस्य बीमार पड़े तो पॉलिसी उसका खर्च उठा सके साथ ही मामूली से लेकर जटिल बीमारियों तक के मामले में अस्पताल में भर्ती किए जाने का खर्च भी वहन करे।

बेहतर है फेमिली फ्लोटर प्लान: जब आप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने का मन बनाएं तो एक बार फेमिली फ्लोटर प्लान के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर लें। इस प्लान के तहत इस तथ्य का लाभ मिलता है कि एक ही साल में एक परिवार के सभी सदस्यों के बीमार होने की संभावना नहीं के बराबर होती है। इस योजना की बीमा राशि को कोई एक या सभी सदस्य प्राप्त कर सकते हैं और यह राशि किसी एक व्यक्ति के लिए सीमित नहीं होती जैसा कि व्यक्तिगत बीमा योजना में होता है। और सबसे बड़ी बात तो यह है कि फेमिली फ्लोटर प्लान का प्रीमियम व्यक्तिगत बीमा योजनाओं की तुलना में काफी कम भी होता है।

विदेश में इलाज का खर्च भी: हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में इन दिनों नए-नए बदलाव हो रहे हैं। अब नए बदलावों के तहत कई बीमा कंपनियां विदेश में प्रीमियम हेल्थ कवर लांच करने वाली हैं जिसके जरिए आप भी विदेशी अस्पतालों की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। निजी व सार्वजनिक क्षेत्र की कई हेल्थ बीमा कंपनियां धनवान लोगों यानी एचएनआई के खासतौर पर यह बीमा पॉलिसी लेकर आने वाली हैं। इसके तहत हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने वाले इंसान को 50 लाख रुपए का कवर मिलेगा।

– राजेश विक्रांत (लेखक एक बीमा प्रोफेशलन हैं)

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