वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा है कि सरकार ने स्विस बैंक में जमा काले धन से जुड़े 18 में से 17 व्यक्तियों को नोटिस जारी किया है, लेकिन उनके नाम सार्वजनिक करना संभव नहीं है। इनमें से एक व्यक्ति का निधन हो चुका है। उन्होंने शनिवार को कोलकाता में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा, ‘‘हमें काले धन से जुड़े कुछ व्यक्तियों का पता चला है और उन सभी 17 लोगों को नोटिस भेज दिया गया है। सरकार ने उनके खिलाफ मामला चलाने की कार्यवाही शुरू कर दी है।’’
उन्होंने कहा कि सरकार स्विस बैंक में कालाधन जमा कराने वालों का नाम उजागर नहीं कर सकती है। इसका इस्तेमाल केवल कर संबंधी उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। मुखर्जी ने कहा, ‘‘सरकार इस मामले से जुड़े नाम अपनी तरफ से उजागर नहीं कर सकती है क्योंकि समझौते के अनुसार यह सूचना केवल कर संबंधी कामों के लिए इस्तेमाल की जा सकती है। ’’
मुखर्जी ने यह खुलासा ऐसे समय में किया जब शुक्रवार को तहलका ने अपनी वेबसाइट पर ऐसे 15 व्यक्तियों और तीन फाउंडेशन समेत 18 नामों का ब्यौरा पेश कर दिया, जिन्होंने विदेशों में गुप्त रूप से खाते खोल रखे हैं। पिछले हफ्ते दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को याद करते हुए मुखर्जी ने कहा कि सरकार उन खाताधारकों के नाम का खुलासा करने की स्थिति में नहीं है जिनके गोपनीय खाते विदेश में हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इससे पहले संवाददाता सम्मेलन में मैंने कहा था कि जब मुकदमा चलेगा और मामला खुली अदालत में पहुंचेगा तब नामों का खुलासा किया जाएगा। लेकिन सरकार खुद-ब-खुद नामों का खुलासा नहीं कर सकती। ये उनकी छिपाई गई आय हैं। हमने नोटिस भेजे हैं और मुकदमा जल्द शुरू होगा।’’
मुखर्जी ने कहा, ‘‘हमारे पास जो 18 नाम हैं, उनके खिलाफ मुकदमे की कार्यवाही शुरू हो चुकी है। 17 व्यक्तियों के मामले में नोटिस भेजे गए हैं। एक व्यक्ति मृत है, इसलिए उसके मामले में मुकदमा नहीं चल सकता।’’ पिछले हफ्ते वित्त मंत्री ने एक संवाददाता सम्मेलन में कानूनी फ्रेमवर्क की गैर-मौजूदगी का कारण बताते हुए विदेश में काला धन रखने वाले लोगों के नाम का खुलासा करने से इनकार किया था।