दुनिया के बाजार में सोने के भाव पिछले छह महीनों में भले ही 3.58 फीसदी गिर चुके हों, लेकिन भारत में इसका दाम इसी दौरान 4.59 फीसदी बढ़ गया है। इसका सीधा वास्ता डॉलर और रुपए की विनिमय दर से है। रुपया गिरता है तो बाकी सब कुछ वैसा ही रहने पर सोना बढ़ जाता है।
मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव थोड़ा दबकर 1662.30 डॉलर प्रति औंस (31.1034768 ग्राम) चल रहा था, जबकि भारत में बाजार बंद था। लेकिन सोमवार को यहां सोने का भाव रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। एमसीएक्स में दिसंबर के गोल्ड फ्यूचर्स का भाव 30,247 रुपए प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया जो अब तक का ऐतिहासिक उच्चतम स्तर है। वहीं, मुंबई के हाजिर बाजार में सोना स्टैंडर्ड (99.5% खरा) शनिवार के बंद स्तर 29,155 रुपए से 60 रुपए बढ़कर 29,215 रुपए प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया, जबकि शुद्ध सोना (99.9% खरा) 29,290 रुपए से 29,350 रुपए पर बंद हुआ। इसकी वजह शादी-ब्याज के लिए बढ़ी जेवरात की खरीद को बताया जा रहा है।
दूसरी तरफ देश में डॉलर की कमी के चलते रुपया गिरता जा रहा है। सोमवार को एक डॉलर की दर 52.74 रुपए पर पहुंच गई। यह पिछले चार महीने में रुपए का सबसे कमज़ोर स्तर है। इससे नीचे वह दिसंबर में यूरोपीय संकट के भय से पहुंच गया था। विदेशी मुद्रा डीलरों का मानना है कि डॉलर रुपए की विनिमय दर में अगला प्रतिरोध स्तर 53.25 रुपए का है।
दिक्कत यह है कि देश को 80 फीसदी कच्चा तेल और लगभग सारा का सोना आयात करना पड़ता है। इसलिए डॉलर की एक निश्चित मात्रा यहां से हर महीने अनिवार्य रूप से निकलती रहती है। हाल ही में अंतरराष्ट्रीय बैंक यूबीएस ने आशंका जताई है कि डॉलर के सापेक्ष रुपया 56 तक गिर सकता है, जबकि अभी तक का न्यूनतम स्तर 54.30 रुपए का रहा है जो उसने 15 दिसंबर 2011 को छुआ था।