महाराष्ट्र सीमलेस (बीएसई – 500265, एनएसई – MAHSEAMLES) का नाम सुनकर लगता है कि जैसे यह महाराष्ट्र के किसी उद्योगपति की कंपनी हो। लेकिन यह हरियाणा के डी पी जिंदल समूह की कंपनी है। असल में देश में जिंदल नाम के तीन समूह है और तीनों का मूल परिवार एक है। पहला, ओ पी जिंदल समूह जिसकी मुख्य कंपनियां हैं – जिंदल स्टेनलेस, जिंदल सॉ, जेएसडब्ल्यू स्टील और जिंदल स्टील एंड पावर। दूसरा, एस एस जिंदल समूह जिसके मुख्य कंपनियां हैं – जिंदल पॉलिफिल्म्स और जिंदल फोटो। तीसरा, डी पी जिंदल समूह जिसकी मुख्य कंपनियां हैं – महाराष्ट्र सीमलेस और जिंदल ड्रिलिंग।
1989 में स्थापित महाराष्ट्र सीमलेस दो बिजनेस सेगमेंट – स्टील पाइप व ट्यूब और विंड पावर में सक्रिय है। स्टील पाइप व ट्यूब का संयंत्र रायगढ़ (महाराष्ट्र) में है। विंड पावर में उसने महाराष्ट्र के ही सतारा जिले में 7 मेगावॉट का संयंत्र लगा रखा है। इसमें बिजली उत्पादन की लागत 55 पैसे प्रति यूनिट आती है। कंपनी को इस संयंत्र से छह सालों में 35 करोड़ रुपए के सेल्स टैक्स की बचत होगी। खास बात यह है कि कल से इसके शेयर में हरकत शुरू हुई है। बीएसई में पिछले दो हफ्ते के मात्र 41,000 शेयरों के वोल्यूम के विपरीत कल इसके 3.70 लाख शेयरो के सौदे हुए हैं, जिनमें से 97.16 फीसदी डिलीवरी के लिए थे। इसी तरह एनएसई में हुए 4.16 लाख शेयरों के सौदों में 98.51 फीसदी डिलीवरी के लिए थे। इनमें कोई बल्क डील भी नहीं है।
जाहिर है कि इसमें निवेशकों की वाजिब खरीद हो रही है। इसका आधार भी वाजिब है। महाराष्ट्र सीमलेस का ठीक पिछले बारह महीनों का ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 46.61 रुपए है। उसका शेयर कल बीएसई में 382..45 रुपए पर बंद हुआ है। इस तरह उसका पी/ई अनुपात मात्र 8.2 हुआ। इस शेयर की बुक वैल्यू 244.67 रुपए है यानी शेयर अपनी बुक वैल्यू से 1.56 गुना पर ट्रेड हो रहा है। आम निवेशकों के लिए यह बात भी नोट करनी जरूरी है कि कंपनी पिछले तीन सालों से 100 से 120 फीसदी (5 रुपए अंकित मूल्य के शेयर पर 5 से 6 रुपए) लाभांश देती रही है। शेयर ने इसी साल 2 नवंबर को 455 रुपए का शिखर बनाया है और यह आराम से फिर इतनी बढ़त ले सकता है। उसका 52 हफ्ते का न्यूनतम स्तर 326.10 रुपए (19 फरवरी 2010) का रहा है। जानकार बताते हैं कि यह शेयर साल भर में 25 फीसदी का रिटर्न दे सकता है।
कंपनी ने सितंबर 2010 की तिमाही में 436.78 करोड़ रुपए की आय पर 80.08 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है, जबकि सितंबर 2009 की तिमाही में उसकी आय 416.08 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 71.16 करोड़ रुपए था। बीते वित्त वर्ष 2009-10 में उसने 1643.31 करोड़ रुपए की आय पर 283.63 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हासिल किया था। कंपनी की कुल इक्विटी 35.27 करोड़ रुपए है जो 5 रुपए अंकित मूल्य के शेयरों में विभाजित है। इसका 53.91 फीसदी हिस्सा प्रवर्तकों के पास और 13.42 फीसदी एफआईआई व 14.45 फीसदी डीआईआई के पास है।
कंपनी का दो लाख टन सालाना क्षमता का सीमलेस ट्यूब बनाने का नया संयंत्र इसी साल से शुरू हो रहा है। देश में इंफ्रास्ट्रक्चर के बढ़ने के साथ इस कंपनी का बढ़ना तय है। इसके बड़े ग्राहकों में सेल, थरमैक्स, गैस अथॉरिटी, ऑयल इंडिया, इंडियन ऑयल, ओएनजीसी, बीपीसीएल, एल एंड टी, बीएचईएल, एनटीपीसी और पुंज लॉयड जैसी कंपनियां शामिल हैं।
बाकी चर्चा-ए-खास यह है कि आईटी सेक्टर की कंपनी जीएसएस अमेरिका इनफोटेक (बीएसई – 532951) में 153 से 157 रुपए के भाव पर जबरदस्त बल्क डील हुई है। यह शेयर पिछले कुछ महीनों में 450 रुपए से गिरकर यहां तक पहुंचा है। इसकी खोजखबर लेने और इस पर निगाह रखने की जरूरत है। सब दुरुस्त हुआ तो यह शानदार रिटर्न देनेवाला निवेश साबित हो सकता है। नजर तो सुजाना टावर्स पर रखी जानी चाहिए जो निचला सर्किट पकड़कर लुढ़कता ही चला जा रहा है।