प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) के चेयरमैन सी रंगराजन ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष 2011-12 में देश की आर्थिक वृद्धि दर 8.5 फीसदी रहने की उम्मीद है। उनका मानना है कि सेवा क्षेत्र और उद्योगों के विस्तार से यह आर्थिक वृद्धि दर हासिल हो सकती है, हालांकि कृषि क्षेत्र का योगदान घट सकता है।
बता दें कि इस साल के बजट में वित्त मंत्री ने 9 फीसदी विकास दर का अनुमान लगाया। लेकिन रिजर्व बैंक ने सालाना मौद्रिक नीति में इसे घटाकर 8 फीसदी कर दिया। पिछले ही हफ्ते प्रोफेशनल फोरकास्टर्स के सर्वे में जीडीपी के 8.2 फीसदी बढ़ने का अनुमान लगाया गया है।
पीएमईएसी के चेयरमैन सी रंगरानज ने मुंबई में 26वें स्कॉच सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मेरा अनुमान है कि भारत की अर्थव्यवस्था 2011-12 में 8.5 फीसदी की दर से बढ़ेगी। कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर बहुत ऊंची नहीं रहेगा, पर इसकी भरपाई सेवा और उद्योग करेंगे।’’ हालांकि, उन्होंने कहा कि 9 से 9.5 फीसदी की आर्थिक वृद्धि दर को हासिल करने का लक्ष्य उचित नहीं होगा। अर्थव्यवस्था को उससे आगे ले जाने की कोशिशों से समस्याएं पैदा होंगी।’’
महंगाई के बारे में रंगराजन ने कहा, ‘‘आजादी के बाद के शुरुआती दशकों में दलील दी जाती थी कि आर्थिक वृद्धि से कीमतों में ज्यादा तेज उछाल आता है। हमें ऊंची वृद्धि दर के बारे में इस सोच से बचना होगा। मुद्रास्फीति 4 से 5 फीसदी के संतोषजनक स्तर पर रहनी चाहिए।’’