खाद्य मुद्रास्फीति की दर 39 महीनों के न्यूनतम स्तर पर आ गई है। गुरुवार को आए इन आंकड़ों से वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी इतने उत्साहित हुए कि उन्होंने संसद में महंगाई पर बहस में विपक्ष को ललकारते हुए दावा किया कि गेहूं, चावल व दाल समेत विभिन्न खाद्य वस्तुओं की कीमतें दो साल पहले की तुलना में कम हुई हैं।
वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय की तरफ से गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार खाद्य मुद्रास्फीति की दर 26 नवम्बर को समाप्त सप्ताह में घटकर 6.60 फीसदी पर आ गई। इसके पिछले हफ्ते में यह 8 फीसदी और साल भर पहले 8.63 फीसदी थी। खाद्य महगाई की दर में यह गिरावट प्याज, आलू, सब्जियों व गेहूं की कीमतें घटने के कारण आई है।
आलोच्य सप्ताह में साल भर पहले की तुलना में प्याज 39.20 फीसदी सस्ता हुआ है, जबकि आलू की कीमतों में 15.75 फीसदी कमी आई है। गेहूं की कीमत में 4.70 फीसदी की कमी आई है, जबकि सब्जियों की कीमत 1.25 फीसदी घटी है।
रिजर्व बैंक ने मार्च 2010 से महंगाई में कमी लाने के लिए लगातार 13 बार ब्याज दरों में वृद्धि की है। खाद्य महंगाई में ताजा गिरावट से नीति निर्माताओं की बेचैनी थोड़ी कम होगी, जिन्हें पिछले दो सालों से इसमें सफलता नहीं मिल पा रही थी। अगले हफ्ते शुक्रवार 16 दिसंबर को रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति की मध्य-तिमाही समीक्षा पेश करनेवाला है और माना जा रहा है कि वो इस बार या तो ब्याज दरें घटा देगा या कम से कम उन्हें बढ़ाएगा नहीं।