लगातार दो महीने तक जोरदार तेजी दिखाने के बाद जुलाई में देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 38 फीसदी घटकर 1.09 अरब डॉलर रह गया है। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। पिछले साल जुलाई देश में 1.78 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया था।
बता दें कि जून माह में देश में एफडीआई का प्रवाह सालाना आधार पर 310 फीसदी बढ़कर 11 साल में किसी भी महीने के रिकॉर्ड स्तर 5.65 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। वहीं मई में एफडीआई में 111 फीसदी की जोरदार बढ़ोतरी हुई थी और यह 4.66 अरब डॉलर रहा था। इन दो महीनों के बदौलत चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से जुलाई की अवधि के दौरान देश में एफडीआई का प्रवाह 92 फीसदी इजाफे के साथ 14.54 अरब डॉलर रहा है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 7.56 अरब डॉलर रहा था। अगर कैलेंडर वर्ष की बात करें तो 2011 के पहले छह महीनों में एफडीआई 57 फीसदी बढ़कर 16.83 अरब डॉलर रहा है।
सूत्रों के मुताबिक 2011-12 में विश्व अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता के बावजूद देश में कुल एफडीआई 35 अरब डॉलर रह सकता है जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 19.4 अरब डॉलर ही था। इसकी बढ़त खास वजह रिलांयस-बीपी का करार और दक्षिण कोरिया की कंपनी पोस्को का निवेश है।