फरवरी सेटलमेंट में बाजार बराबर बढ़ता रहा, जबकि पेट्रोल व डीजल की मूल्यवृद्धि और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों की चिंता से हर कोई वाकिफ था। ट्रेडर निफ्टी के 5200 से 5600 तक पहुंचने तक लगातार शॉर्ट करते रहे। फिर आखिरकार उन्होंने हथियार डाल दिया और बाजार धड़ाम हो गया।
लगातार चार दिनों तक बाजार गिरता रहा। कल की गिरावट पिछले छह महीनों की सबसे तगड़ी गिरावट थी। इसने न केवल सारे लांग सौदों पर पूर्णविराम लगा दिया, बल्कि ट्रेडरों को शॉर्ट पोजिशन पकड़ने की तरफ धकेल दिया। अखबारों में कहा गया कि बढ़ते तेल की कीमतों के चलते बाजार में मुनाफावसूली हुई है। लेकिन हकीकत यह है कि असल में तेल नहीं उबल रहा था। बाजार में अगर कुछ उबल रहा था तो वो थे शॉर्ट सौदे।
आज बाजार ने अच्छी बढ़त ली। सेंसेक्स 1.64 फीसदी बढ़कर 17,731.12 पर बंद हुआ तो निफ्टी 1.79 फीसदी बढ़कर 5375.50 पर पहुंच गया। निफ्टी फ्यूचर्स का आखिरी स्तर 5445 का रहा। अभी तो लगता है, जैसे फंडामेंटल्स का अंत हो चुका है। कोई भी इनकी तरफ नहीं देखता। और, जो देखता है उसे अधिकतम मार व तकलीफ झेलनी पड़ती है। ट्रेडरों और निवेशकों में स्पष्ट विभाजन हो चुका है। निवेशकों की संख्या दिन-ब-दिन घटती जा रही है, जबकि ट्रेडरों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इसकी सीधी व सरल वजह है लोगों पर चढ़ता जुएबाज़ी का जुनून।
कल को तेल की चिंताएं तेल लेने चली जाएंगी और बाजार के बढ़ने का श्रेय मीडिया एफआईआई की खरीद को दे देगा। लेकिन यह कैश सेटलमेंट की व्यवस्था ही है जिसने 220 स्टॉक्स का छोटा-सा बाजार खड़ा कर दिया है जिसमें कुछ (ऑपरेटर व एफआईआई) के ही हाथ में कमान है और बाकी खिलाड़ी हर दिन अपनी किस्मत आजमाने की कोशिश करते हैं। ब्लैकबेरी के ईजाद के साथ अफवाहें फैलाना बहुत आसान हो गया है और यकीन मानिए, सेबी अगले कुछ सालों तक आप पर हाथ भी नहीं रख सकती।
खैर, कल ही बाजार आखिरी घंटे में जिस तरह सुधरा था, उससे साफ संकेत मिल गया था कि जिन्होंने कल शॉर्ट किया था, आज वे खरीद करेंगे और बाजार उठेगा। ऐसा ही हुआ। हमारी कम से कम सात लांग कॉल्स थीं और ये सभी कॉल्स आज अपने मुकाम तक पहुंच गईं। अब हमने तकरीबन सारी लांग कॉल्स पूरी कर ली हैं।
बाजार अभी जो पैटर्न बना रहा है, वह फरवरी के सेटलमेंट का ठीक उल्टा है। इसलिए पूरे आसार इस बात के हैं कि चालू सेटलमेंट में निफ्टी 4900 तक पहुंच जाएगा। अगर हमें बाजार में फिर से रैली देखनी है तो निफ्टी को पहले निर्णायक रूप से 5500 के ऊपर जाना होगा। तह यह आसानी से पिछले उच्च स्तर 5650 तक पहुंच जाएगा और तब इसके 5840 तक पहुंचने का रास्ता अपने-आप खुल जाएगा।
कोई माने या न माने, बाजार में मची उथल-पुथल कुछ लोगों के करतब का नतीजा है क्योंकि आपके पास डिलीवरी लेने का कोई विकल्प ही नहीं होता। आज ब्लूमबर्ग की सुबह की टिप्पणी को तूल देकर अफवाह उड़ा दी गई कि शुक्रवार तक ब्याज दरों में आधा फीसदी कटौती हो सकती है। सच यह है कि ब्याज दरों में कटौती इतनी जल्दी नहीं होने जा रही। उत्तर प्रदेश के चुनावों के नतीजे भी अब तीनों दिशाओं में झूलते नजर आ रहे हैं। फिलहाल रेल बजट, आम बजट और रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा ऐसी अहम घटनाएं हैं जो बाजार के रुख का फैसला करेंगी।
हम बतौर ट्रेडर मौकापरस्त बने रहेंगे और हर लांग या शॉर्ट पोजिशन को कायदे से हेज करते हुए चलेंगे। हाल-फिलहाल यही लगता है कि कल निफ्टी गिरकर खुलेगा।
दुनिया को सपने देखनेवाले चाहिए तो दुनिया को काम करनेवाले भी चाहिए। लेकिन सबसे ऊपर दुनिया को ऐसे सपने देखनेवाले चाहिए जो काम भी करते हों।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं पड़ना चाहता। इसलिए अनाम है। वह अंदर की बातें आपके सामने रखता है। लेकिन उसमें बड़बोलापन हो सकता है। आपके निवेश फैसलों के लिए अर्थकाम किसी भी हाल में जिम्मेदार नहीं होगा। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का कॉलम है, जिसे हम यहां आपकी शिक्षा के लिए पेश कर रहे हैं)