प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर उनके तमाम मंत्री-संत्री दावा कर रहे हैं कि 2014 से पहले भारत दुनिया की उन पांच नाजुक अर्थव्यवस्थाओं में गिना जा रहा था जो विकास की फंडिंग के लिए अविश्सनीय विदेशी निवेश पर निर्भर थे। लेकिन साथ ही उनका दावा है कि 2014 से 2023 के बीच देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) दोगुना होकर 596 अरब डॉलर रहा है। इतना नकलीपना क्यों? पहले जो विदेशी निवेश कमज़ोरी की निशानी था, वहीऔरऔर भी