केंद्रीय सर्तकता आयोग (सीवीसी) ने 96 अधिकारियों के खिलाफ बड़े जुर्माने लगाने की सलाह दी है। इनमें से 15 अधिकारी एमसीडी के, छह रक्षा मंत्रालय के, पांच रेल मंत्रालय के, चार दिल्ली सरकार के और सीपीडब्ल्यूडी, शिक्षा विभाग, एनडीएमसी, ओरियन्टल बैंक आफ कॉमर्स, केंद्रीय उत्पाद शुल्क और तटकर बोर्ड के तीन-तीन अधिकारी शामिल हैं।
इसके अलावा बाकी अधिकारियों में भारत संचार निगम लिमिटेड, भारतीय लेखाकार और महालेखा परीक्षक, दिल्ली विकास प्राधिकरण, आयुश विभाग, स्वास्थ्य विभाग, कृषि और सहकारिता विभाग, गृह मंत्रालय, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, इंडिया अशोरेंस कम्पनी और भारतीय स्टेट बैंक के दो-दो अधिकारी हैं। शेष 34 मामले भारत सरकार के विभिन्न विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र प्रतिष्ठानों से संबंधित थे। आयोग की सिफारिशों के आधार पर सरकार ने 61 अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी के आदेश जारी किए।
असल में सीवीसी ने जुलाई 2010 के दौरान अपने पास भेजे गए 1387 मामलों को निपटाया। इनमें से 1109 शिकायतें आवश्यक कार्यवाही के लिए भेजी गईं, जबकि 96 शिकायतें जांच और रिपोर्ट के लिए भेजी गईं। 212 शिकायतों पर किसी कार्यवाही की आवश्यकता नहीं बताई गई। आयोग द्वारा कुछ विभागों की तकनीकी जांच के बाद 5.08 करोड़ रुपए की वसूलियां की गईं।
असल भ्रष्टाचार कृषि मंत्रालय के अधिकारीयों के खिलाप तो कोई कार्यवाही की ही नहीं गयी …खैर जो भी किया गया उसी पर अगर ढंग से कार्यवाही हो तो भी कुछ सार्थक कहा जा सकता है …
Thanks to CVC for the recommendations however taking into consideration the magnitude of
corruption the list is so small that we can say HAMARA BHARAT MAHAN hai.