नए वित्त वर्ष 2013-14 के बजट में सिक्यूटिरीज ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) को लेकर वित्त मंत्री पी चिदंबरम के साथ-साथ बजट दस्तावेजों ने भी जिस तरह का भ्रम पैदा किया है, उससे बड़े-बड़े चार्टर्ड एकाउंटेंट तक गच्चा खा जा रहे हैं। अभी हाल ही में मुंबई के मशहूर चार्टर्ड एकाउंटेंट विमल पुनमिया ने एक सेमिनार में बताया था कि शेयर बाज़ार में कैश डिलीवरी वाले सौदों पर एसटीटी खत्म कर दिया गया है। अलग से ‘अर्थकाम’ के पूछने पर भी वही बात दोहराई थी।
इससे उलट हकीकत यह है कि इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड की यूनिटें खरीदनेवाले पर ही एसटीटी खत्म किया गया है और बेचनेवाले पर घटाया गया है। बाकी डिलीवरी आधारित सारे सौदों पर पहले की तरह 0.1 फीसदी एसटीटी देना पड़ेगा। दुखद बात यह है कि डिलीवरी आधारित सौदे ज्यादातर रिटेल निवेशक ही करते हैं। इधर उन्होंने ऑप्शन सौदों में जोखिम कम होने के कारण उस तरफ भी रुख किया है। लेकिन ऑप्शंस पर भी एसटीटी जस का तस रखा गया है।
मालूम हो कि पूर्व वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने चालू साल 2012-13 के बजट में एसटीटी की दर 0.125 फीसदी से घटाकर 0.1 फीसदी की थी और यह दर 1 जुलाई 2012 से लागू है। इस समय जिस तरह शेयरों की कैश डिलीवरी वाले सौदों पर खरीदने और बेचने वाले, दोनों को ही 0.1 फीसदी एसटीटी देना पड़ता है, उसी तरह आगे भी देना पड़ेगा। इक्विटी फ्यूचर्स पर एसटीटी की दर घटाकर 0.017 फीसदी से 0.01 फीसदी कर दी गई है। बाकी ऑप्शन बेचनेवाले को 0.017 फीसदी और खरीदनेवाले को पहले की तरह 0.125 फीसदी एसटीटी देना होगा।
एसटीटी का जिक्र बजट दस्तावेज़ों में तीन जगह है। एक, वित्त मंत्री के बजट भाषण में। दो, मेमोरैंडम के भाग एक में। और तीन, फाइनेंस बिल में कमोडिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (सीटीटी) से संबंधित सातवें अध्याय के बाद एक पेज के आठवें अध्याय में विविध शीर्षक के अंर्तगत। मेमोरेंडम और बजट भाषण में केवल नए प्रावधानों का उल्लेख है। वहीं फाइनेंस बिल के आठवें अध्याय में ‘इसको हटाकर यह और उसको हटाकर वह’ की बात की गई है। पूरी तस्वीर साफ हो सके, इसलिए हम नए-पुराने सारे प्रावधानों को मिलाकर यहां पेश कर रहे हैं। सामग्री अंग्रेज़ी में है ताकि अनुवाद से अर्थ का अनर्थ न हो सके।
फाइनेंस (नं-2) एक्ट, 2004 का संशोधित सेक्शन 98: नए एसटीटी की सारणी
Sr. No. | Taxable Securities Transaction | Rate | Payable by |
1 | Purchase of an equity share in a company, where
a. the transaction of such purchase is entered into in a recognized stock exchange; and b. the contract for purchase of such share is settled by the actual delivery or transfer of such share. |
0.1% | Purchaser |
2 | Sale of an equity share in a company, where
a. the transaction of such sale is entered into in a recognized stock exchange; and b. the contract for sale of such share is settled by the actual delivery or transfer of such share. |
0.1% | Seller |
2A | Sale of a unit of an equity oriented fund, where
a. the transaction of such sale is entered into in a recognized stock exchange; and b. the contract for the sale of such unit is settled by the actual delivery or transfer of such unit. |
0.001% | Seller |
3 | Sale of an equity share in a company or a unit of an equity oriented fund, where
a. the transaction of such sale is entered into in a recognized stock exchange; and b. the contract for sale of such share or unit is settled otherwise than by the actual delivery or transfer of such share or unit. |
0.025% | Seller |
4 |
|
0.017%
0.125% 0.01% |
Seller
Purchaser Seller |
5 | Sale of a unit of an equity oriented fund to the Mutual Fund. | 0.001% | Seller |
एक बार फिर साफ कर दें कि बजट प्रावधानों के मुताबिक 1 जून 2013 से स्टॉक एक्सचेंजों के जरिए इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड स्कीमों की यूनिटें खरीदनेवाले के लिए सिक्यूरिटीज़ ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) खत्म कर दिया गया है। अभी इसकी दर इक्विटी शेयरों की डिलीवरी आधारित खरीद-फरोख्त की तरह 0.1 फीसदी है। वहीं ऐसे सौदों में म्यूचुअल फंड की यूनिटें बेचनेवाले को 0.001 फीसदी एसटीटी देना पड़ेगा, जबकि अभी तक यह दर 0.1 फीसदी है। अगर इक्विटी ओरिएंटेड फंड की यूनिटें स्टॉक एक्सचेंज के बजाय सीधे म्यूचुअल फंड को बेची जाती हैं, तब भी बेचनेवाले को 0.001 फीसदी एसटीटी देना पड़ेगा। अभी तक उसे इस पर सबसे ज्यादा, 0.25 फीसदी देना पड़ता है।
शेयरों के डेरिवेटिव सौदों में ऑप्शन खरीदने-बेचनेवालों के लिए स्थिति जस की तस रखी गई है, जबकि इक्विटी फ्यूचर्स पर एसटीटी की दर 0.017 फीसदी से घटाकर 0.01 फीसदी कर दी गई है।
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