एरा इंफ्रा: 285 का माल 200 रुपए में!

कितनी अजीब बात है कि हम आम डिस्काउंट सेल में तो सपरिवार दौड़े चले जाते हैं। लेकिन जब शेयर बाजार में डिस्काउंट पर माल मिल रहा हो तो उसकी तरफ झांकते ही नहीं। उलटे डरे रहते हैं कि गिरा हुआ स्टॉक है, जरूर कोई गड़बड़ होगी। हां, वही शेयर जब बढ़ जाता है तो जरूर पछताते हैं कि यह लड्डू हमसे छूट क्यों गया। ऐसा ही एक लड्डू है एरा इंफ्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड।

रेटिंग एजेंसी केयर की इक्विटी रिसर्च शाखा ने एरा इंफ्रा को फंडामेंटल मजबूती में पांच में से चार का ग्रेड दिया है। इसका मतलब है कि कंपनी के फंडामेंटल बहुत अच्छे हैं। उसने कंपनी के शेयर का मौजूदा अंतर्निहित मूल्य (सीआईवी) 285 रुपए निकाला है, जबकि कल यह बीएसई (कोड – 530323) में 4.35 फीसदी गिरकर 200 रुपए और एनएसई (कोड – ERAINFRA) में 4.78 फीसदी गिरकर 199 रुपए पर बंद हुआ है। वैसे, समझ में नहीं आता कि मजबूत कंपनियों पर रिपोर्ट आते ही उस्ताद लोग उसे दबा क्यों डालते हैं। खैर, अपने समाज में भी तो अच्छे लोग अक्सर दबा दिए जाते हैं। उनकी कद्र नहीं होती।

केयर इक्विटी रिसर्च ने सारे पहलुओं की नापजोख के बाद ही एरा इंफ्रा के शेयर का सीआईवी 285 रुपए निकाला है। उसके मुताबिक कंपनी का उद्यम मूल्य 8224 करोड़ रुपए है, जबकि उसका अभी का बाजार पूंजीकरण 3636 करोड़ रुपए है। इसलिए इस स्टॉक के बढ़ने की काफी ज्यादा संभावना है। एरा इंफ्रा इंजीनियरिंग 1990 में बनाई गई और 1995 में इसकी लिस्टिंग हुई। यह इस समय देश की चुनिंदा पूरी तरह एकीकृत इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों में शामिल है।

यह अभी देश के बीस राज्यों और तमाम सेक्टरों/उद्योगों में मौजूद है। कंपनी अभी तक 200 प्रोजेक्ट सफलतापूर्वक पूरी कर चुकी है। 90 से ज्यादा परियोजनाओं पर वह काम कर रही है। उसके तीन बिजनेस डिवीजन हैं – ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट व कंस्ट्रक्शन), बॉट (बिल्ड, ऑपरेट एंड ट्रांसफर) और ईएमसी (इक्विपमेंट मैनेजमेंट एंड कांक्रीट)।

देश में जिस तरह इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया है वह एरा इंफ्रा जैसी तमाम क्षेत्रों व इलाकों में मौजूद कंपनियों के लिए काफी अच्छा है। कंपनी के पास करीब 10,700 करोड़ रुपए के ऑर्डर हैं जो उसके तीन से ज्यादा सालों के धंधे के लिए पर्याप्त हैं। दूसरे कंपनी ने कई सड़क परियोजनाओं को इतनी अच्छी तरह समय से पूरा किया है और उसके रणनीतिक करार इतने पुख्ता हैं कि उसे सड़क निर्माण क्षेत्र से बराबर ऑर्डर मिलते रहेंगे।

हां, सरकार या कॉरपोरेट क्षेत्र के इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश या पूंजी खर्च में कमी कंपनी के कामकाज पर नकारात्मक असर डाल सकती है। दूसरे निवेशक अभी तक इंफ्रास्ट्रक्टर शेयरों को भाव नहीं दे रहे हैं। इसलिए एरा इंफ्रा में निवेश दो-तीन साल के नजरिए से ही करना चाहिए। कंपनी की इक्विटी 36.37 करोड़ रुपए है जो दो रुपए अंकित मूल्य के शेयरों में विभाजित है। इसका 58.92 फीसदी प्रवर्तकों के पास है, जबकि एफआईआई के पास इसके मात्र 1.03 फीसदी और डीआईआई के पास 6.03 फीसदी शेयर हैं। एक और बात। कंपनी ने पहले एफसीसीबी (विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांड) जारी किए थे, जिनके शेयरों में बदलने से उसका इक्विटी आधार बड़ा हो सकता है जिससे ईपीएस घट जाएगा।

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