अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की अगले हफ्ते होनेवाली भारत यात्रा द्विपक्षीय संबंधों के आर्थिक पहलू पर केंद्रित रहेगी क्योंकि अमेरिकी प्रशासन इसे सबसे महत्वपूर्ण उभरते हुए द्विपक्षीय आर्थिक रिश्तों के तौर पर देखता है। ह्वाइट हाउस में उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल फोरमैन ने वॉशिंगटन में संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह असल में अमेरिका के लिए बहुपक्षीय और द्विपक्षीय रूप से सबसे महत्वपूर्ण और उभरते हुए आर्थिक संबंध हैं। हम जी-20 के परिप्रेक्ष्य में भारत के साथ काफीऔरऔर भी

देश में एक बार फिर से बच्चों के गायब होने की घटनाएं सामने आ रही हैं। इन घटनाओं के आधार पर गौर करें तो बड़े शहरो में स्थिति ज्यादा भयावह है। गैर-सरकारी संस्थाओं का अनुमान है कि भारत में हर साल 45000 बच्चे गायब हो रहे हैं। साल 2007 में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि देश में सबसे अधिक बच्चे झारखंड, छत्तीसगढ़, आध्र प्रदेश, बिहार और उड़ीसा से गायब हो रहे हैं।औरऔर भी

दुनिया में दिवसों के नाम पर बहुत से चोचले चल गए हैं। इसी में शामिल है वर्ल्ड हैबिटैट दिवस जो किसी तारीख को नहीं, बल्कि हर साल अक्टूबर महीने के पहले सोमवार को मनाया जाता है। चूंकि यह संयुक्त राष्ट्र जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्था की देन है और भारतीय जनमानस इसे पचा नहीं पाया है, इसलिए इसके लिए हिंदी या अन्य भारतीय भाषाओं में कोई शब्द नहीं बन पाया है। सरकार इसे विश्व पर्यावास दिवस कहती है। हैबिटैटऔरऔर भी

महाराष्ट्र में नंदुरबार जिले के आदिवासी गांव थेंभली के 10 बाशिंदों को विशिष्ट पहचान संख्या (यूआईडी) देने के साथ ही देश के हर नागिरक को अलग पहचान देने की परियोजना आधार की शुरुआत हो गई। इन आदिवासियों ने अपने आधार कार्ड खुद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के हाथों से हासिल किए। आधार में देश के हर नागरिक को 12 अंकों की संख्या दी जाएगी जो उसकी उंगलियों के निशान से लेकर आंखों कीऔरऔर भी

सरकार ने सॉफ्टवेयर निर्माता कंपनियों के कहा कि वे कंप्यूटर पर काम करने के लिए इनपुट, प्रदर्शन व ट्रांजैक्शन तीनों सुविधाएं पूरी तरह हिंदी व अन्य भारतीय भाषाओं में यूजर फ्रेंडली सॉफ्टेवयर उपलब्ध कराएं। गुरुवार को गृह राज्यमंत्री अजय माकन ने सी-डैक, माइक्रोसॉफ्ट कॉरपोरेशन और आईबीएम के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में यह बात कही। बैठक में हिंदी के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के प्रयोग के संबंध में गठित समितियों के सदस्यों और राजभाषा विभाग के अधिकारियोंऔरऔर भी

चीन में ब्लॉगरों की अनुमानित संख्या सात करोड़ पर पहुंच गई है। चीन की आबादी अभी करीब 135 करोड़ है। इसमें से 20 फीसदी 14 साल से नीचे के बच्चे हैं। इस तरह 15 साल या इससे ऊपर के चीनियों की संख्या 108 करोड़ है। इसका मतलब हुआ कि चीन में समझदार हो चुके हर पंद्रह लोगों में से एक शख्स ब्लॉगिंग कर रहा है। असल में चीन के पारंपरिक मीडिया में केवल रसूख वाले लोगों केऔरऔर भी

125 अरब डॉलर कोई मामूली रकम नहीं होती। 2007-08 में देश का कुल निर्यात 163 अरब डॉलर का रहा है। लेकिन वॉशिंगटन की एक रिसर्च संस्था ग्लोबल फाइनेंशियल इंटेग्रिटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2000 से 2008 के बीच भारत से 125 अरब डॉलर का जनधन बाहर निकला है। यह धन राजनेताओं ने भ्रष्टाचार से हासिल किया था और छिपाने के लिए वे इसे विदेश में ले गए। संस्था की अर्थशास्त्री कार्ली करसियो ने अपने ब्लॉगऔरऔर भी

केंद्रीय सर्तकता आयोग (सीवीसी) ने 96 अधिकारियों के खिलाफ बड़े जुर्माने लगाने की सलाह दी है। इनमें से 15 अधिकारी एमसीडी के, छह रक्षा मंत्रालय के, पांच रेल मंत्रालय के, चार दिल्ली सरकार के और सीपीडब्ल्यूडी, शिक्षा विभाग, एनडीएमसी, ओरियन्टल बैंक आफ कॉमर्स, केंद्रीय उत्पाद शुल्क और तटकर बोर्ड के तीन-तीन अधिकारी शामिल हैं। इसके अलावा बाकी अधिकारियों में भारत संचार निगम लिमिटेड, भारतीय लेखाकार और महालेखा परीक्षक, दिल्ली विकास प्राधिकरण, आयुश विभाग, स्वास्थ्य विभाग, कृषि औरऔरऔर भी

संविधान सभा द्वारा 14 सितंबर, 1949 को सर्वसम्मति से हिंदी को संघ की राजभाषा घोषित किया गया था। तब से केंद्र सरकार के देश-विदेश स्थित सभी कार्यालयों में हर साल 14 सितंबर हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। लेकिन बहुतों को पता नहीं कि हिंदी केवल राजभाषा या सरकारी भाषा है, राष्ट्रभाषा नहीं। गुजरात हाईकोर्ट ने 13 जनवरी 2010 को एक आदेश में कहा था, “सामान्यत: भारत में ज्यादातर लोगों ने हिंदी को राष्ट्रभाषा कीऔरऔर भी

जाति-आधारित राजनीतिक दलों के दबाव में देश में अब वह काम होने जा रहा है जिसे 1947 में आजादी के बाद ही सायास छोड़ दिया गया था। कैबिनेट ने गुरुवार को जाति-आधारित जनगणना को मंजूरी दे दी। यह जनगणना अगली साल फरवरी से मार्च तक सामान्य जनगणना के खत्म होने के बाद जून से शुरू की जाएगी और इसे सितंबर तक खत्म कर लिया जाएगा। इससे पहले देश में आखिरी जाति-आधारित जनगणना अंग्रेजों के शासन में 1931औरऔर भी