ग्रामीण विकास की सभी योजनाओं पर किए गए व्यय का ऑडिट कैग द्वारा कराया जाएगा। केन्द्रीय ग्रामीण विकास और पेयजल आपूर्ति व स्वच्छता मंत्री जयराम रमेश ने कहा है कि कैग के साथ व्यापक चर्चा के बाद यह सहमति बनी है। इन दोनों मंत्रालयों की सभी योजनाओं के तहत किए गए सारे खर्च का ऑडिट कैग (नियंत्रक व महालेखा परीक्षक) द्वारा की जा सकेगी।
उन्होंने कहा कि इस तरह का ऑडिट केन्द्र सरकार द्वारा ग्रामीण विकास कार्यक्रमों में किए गए सार्वजनिक खर्च में जवाबदेही बढ़ाएगा। 2011-12 में दोनों मंत्रालयों की विभिन्न योजनाओं में केन्द्र सरकार द्वारा लगभग एक लाख करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई है जो मात्रा के लिहाज से केवल रक्षा खर्च से कम है।
उन्होंने बताया कि तय हुआ है कि कैग न केवल वित्तीय और अनुपालन लेखा परीक्षा करेगा, बल्कि इन योजनाओं के प्रदर्शन का भी अंकेक्षण करेगा। ग्रामीण विकास और पेयजल आपूर्ति व स्वच्छता मंत्रालय की सभी योजनाओं की लेखा परीक्षा विभिन्न राज्यों में महालेखाकारों को सौंपी जाएगी ताकि एक केंद्रित और व्यापक लेखा परीक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।
कैग का यह प्रयास है कि सरकार में आंतरिक नियंत्रण प्रणाली मजबूत रहे। ग्रामीण विकास मंत्रालय और पेयजल आपूर्ति व स्वच्छता मंत्रालय ने कैग के साथ परामर्श करके, सभी ग्रामीण योजनाओं के लिए समान लेखा प्रारूप तैयार करने की पहल भी की है जिससे इन दोनों मंत्रालयों को न केवल आंतरिक परीक्षण और निगरानी में बल्कि कैग की लेखा परीक्षा में भी मदद मिलेगी। इससे संसद के प्रति जिम्मेदारी निभाने में भी सहायता होगी।