केंद्र सरकार ने मुकेश अंबानी द्वारा प्रवर्तित नवी मुंबई एसईजेड या सेज को पांच आर्थिक क्षेत्रों में बांटने का अनुरोध पर निर्णय टाल दिया है। मंजूरी बोर्ड (बोर्ड ऑफ एप्रूवल) ने इस संबंध में कंपनी और ब्यौरा मांगा गया है।
मंगलवार को राजधानी दिल्ली में वाणिज्य सचिव राहुल खुल्लर की अध्यक्षता में मंजूरी बोर्ड की एक बैठक हुई, जिसमें इस मुद्दे पर विचार किया गया। खुल्लर ने कहा, ‘‘ इस मुद्दे पर अधिकारियों की एक समिति द्वारा विचार किया जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि समिति भूमि व अन्य मुद्दों के बारे में और विवरण मांगेगी। बता दें कि रिलायंस समूह के प्रमुख मुकेश अंबानी और उनके सहयोगी आनंद जैन ने मिलकर नवी मुंबई सेज प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी बनाई है जो मुंबई से बाहर 1233 हेक्टेयर क्षेत्रफल में विशेष आर्थिक ज़ोन बना रही है। कंपनी ने इस सेज परियोजना को पांच अलग-अलग कर-मुक्त क्षेत्रों में बांटने का प्रस्ताव किया है।
गौरतलब है कि महा-मुंबई सेज परियोजना पहले करीब 10,000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में लगाई जानी थी। मुकेश अंबानी की कंपनी 1233 हेक्टेयर जमीन किसानों से खरीद चुकी है। बाकी जमीन महाराष्ट्र सरकार की तरफ से अधिग्रहीत की जानी थी। लेकिन इसी साल फरवरी में राज्य सरकार ने इससे हाथ पीछे खींच लिया। पूरी प्रक्रिया को डिनोटिफाई कर दिया गया और यह भी तय हुआ कि सरकार की तरफ से सेज के लिए किसानों से ली जा चुकी जमीन उन्हें लौटा दी जाएगी।
इस बीच मंगलवार को मंजूरी बोर्ड ने कई अन्य विशेष आर्थिक क्षेत्रों के डेवलपरों को अपनी परियोजनाएं क्रियान्वित करने के लिए और समय दे दिया। रिलायंस समूह की कंपनियों के अलावा जीएमआर, महिन्द्रा एंड महिन्द्रा, पार्श्वनाथ और यूनिटेक समेत 63 डेवलपरों ने परियोजनाओं को लागू करने के लिए और समय मांगा था।