28 सालों में सोने के सबसे विकट तीन दिन, कैश निकालने में जुटे निवेशक

यूरो ज़ोन में चल रहे संकट, खासकर ग्रीस सरकार द्वारा ऋण लौटाने में चूक के घहराते खतरे के चलते दुनिया के निवेशक कैश समेटने के चक्कर में पड़ गए है। वे कमोडिटी बाजार से खटाखट निकल रहे हैं। इसी का असर है कि सोना सोमवार को मिलाकर लगातार तीन दिन ऐसा गिरा है जितना वो पिछले 28 सालों में कभी नहीं गिरा था। बीते तीन दिनों में सोना अंतरराष्ट्रीय बाजार में 10 फीसदी से ज्यादा गिर चुका है। फरवरी 1983 के बाद से इतनी तगड़ी गिरावट पहली बार आई है। सोने के दाम में छाई व्यग्रता या वोलैटिलिटी भी ढाई सालों के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच चुकी है।

यूरोप के नीति-निर्माता दिवालिया होने की कगार पर पहुंच चुके ग्रीस को बचाने की आखिरी कोशिश में लगे हैं। लेकिन यूरोपीय शेयर बाजार में अफरातफरी है। औद्योगिक जिंसों के दाम घट रहे हैं। कच्चे तेल और बेस मेटल से भी निवेशक अपना धन निकाल रहे हैं जिनसे इनके दाम घटते जा रहे हैं। सोने पर मार जारी है। इसी सितंबर के पहले हफ्ते में हासिल रिकॉर्ड ऊंचाई से उपजा उन्माद अब ठंडा पड़ता जा रहा है।

सोमवार को लंदन में सुबह-सुबह सोना पिछले बंद भाव से करीब 3 फीसदी गिरकर 1612.49 डॉलर प्रति औंस (31.1035 ग्राम) पर पहुंच गया। सिंगापुर में सोने की कीमत 124 डॉलर घटकर 1532.72 डॉलर प्रति औंस पर आ गई। उधर अमेरिका में हाजिर सोना 3.68 फीसदी टूटकर 1574 डॉलर प्रति औंस तक चला गया। यह 6 सितंबर को 1920.94 डॉलर प्रति औंस की रिकॉर्ड ऊंचाई की तुलना में 18 फीसदी की गिरावट है।

अंतरराष्ट्रीय निवेश फर्म क्रेडिट स्युइस के एनालिस्ट टॉम केनडाल का कहना है, “यह दिखाता है कि भयंकर तनाव के दौर में तरलता या कैश का कोई सही जोड़ीदार नहीं है। हालांकि सोना धातुओं के मानदंड से अमेरिकी सरकार के ट्रेजरी बांडों की तुलना में काफी तरल है। लेकिन जब कैश को लेकर इतनी मारामारी मची हो तब वाकई कैश ही मायने रखता है और दुनिया के निवेशकों के लिए सुरक्षित कैश का मतलब है अमेरिकी डॉलर।”

नैटिक्सिस कमोडिटीज के रणनीतिकार निक ब्राउन के मुताबिक सोने में मची व्यग्रता दिखाती है कि सोना अब कम जोखिम वाली आस्ति नहीं रह गई है। असल में सोने में अपना कोई मूल्य नहीं होता है। उसके भाव सिर्फ और सिर्फ सट्टेबाजी से चढ़ते हैं। अमेरिका के कमोडिटी एक्सचेंज कॉमेक्स के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले हफ्ते वहां सटोरियों ने गोल्ड फ्यूचर्स में अपनी होल्डिंग दो साल में सबसे कम कर दी है। उनके शुद्ध गैर-व्यावसायिक ओपन इंटरेस्ट के आंकड़े इस तथ्य को साफ कर देते हैं।

भारत में सोने के भावों का सीधा संबंध अंतरराष्ट्रीय बाजार के दाम और रुपए-डॉलर की विनिमय दर से होता है। इसी को दर्शाते हुए सोमवार को दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोने की कीमतों में 1540 रुपए प्रति 10 ग्राम की गिरावट दर्ज की गई। शुरुआती कारोबार में सोना किसी एक दिन में इस सबसे बड़ी गिरावट से 25,800 रुपए प्रति दस ग्राम पर आ गया था। चांदी भी 3200 रुपए टूटकर 50,800 रुपए प्रति किलो पर आ गई। पिछले दो सत्रों में दिल्ली में चांदी 10,500 रुपए टूट चुकी है।

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