होश के लिए अच्छा नहीं इतना जोश

बाजार अचानक कुछ ज्यादा ही उत्साह में है। कल मैंने कहा था कि रिजर्व बैंक ब्याज दरों में कटौती की घोषणा कर सकता है। आज वही बात कुछ बिजनेल चैनलों व समाचार एजेंसियों ने चला दी। फिर इसे कुछ फंड मैनेजरों ने हवा दे दी। बाजार में चर्चा चल पड़ी कि आज ही बाजार बंद होने के बाद रिजर्व बैंक ब्याज दरों में कटौती की घोषणा कर सकता है।

फिर क्या था! बाजार बढ़ा तो बढ़ता ही चला गया। निफ्टी में मेरा लक्ष्य 5055 का था जो आज कारोबार के आखिरी घंटे में पूरा गया। इस हफ्ते सेंसेक्स ने 1151.4 अंकों या 7.34 फीसदी की बढ़त ली है। यह जुलाई 2009 के बाद किसी भी हफ्ते में हुई सबसे ज्यादा बढ़त है।

वैसे, मुझे नहीं लगता कि रिजर्व आज ब्याज दरों में कोई कटौती करने जा रहा है। इसकी सीधी-सी वजह यह है कि जब किसी कदम की चर्चा हर तरफ होने लगे तो अधिकारी अमूमन अपने कदम पीछे खींच लेते हैं। बहुत सारे जानकारों व बैंकरों ने शुक्रवार दिन भर रिजर्व बैंक से इस बारे में जमकर पूछ-परख की है तो रिजर्व बैंक को अच्छी तरफ पता है कि बाजार में कैसा शोर मचा हुआ है। शाम गहराने लगी है और अभी तक रिजर्व बैंक की तरफ से कोई आहट नहीं हुई है। हो सकता है कि वह 16 दिसंबर को मध्य-त्रैमासिक समीक्षा पेश करने तक इंतजार करना बेहतर समझे।

खैर, निफ्टी तेजी के जोश में आज 5062.55 तक चला गया। बंद हुआ 2.29 फीसदी की बढ़त के साथ 5050.15 पर। बीच में तो लग रहा था कि आज ही यह 5080 तक चला जाएगा। मैं फिलहाल अपनी तरफ से स्थिति ज्यादा स्पष्ट होने के लिए सोमवार तक इंतजार करना बेहतर समझता हूं। वैसे भी बाजार के मूड में जो उत्साह छाया हुआ है, उसमें आपको मेरी तरफ से किसी थपथपाहट की जरूरत नहीं है।

ऐसे महौल और इस स्तर पर मेरा यही कहना है कि जोश में होश नहीं खोना चाहिए। लगातार सावधानी बनाए रखें। हालांकि निफ्टी में मेरा लक्ष्य 5900 पर कायम है। लेकिन बहुत तेज भागना बहुत खतरनाक होता है। पिछली बार बाजार बहुत तेजी से 5400 पर पहुंच गया था और उसका हश्र यह हुआ कि खटाक से गिरकर 4750 तक आ गया। इस बार भी निफ्टी बहुत तेजी से 5050 तक चढ़ा है। इसलिए इसमें कुछ करेक्शन होना लाजिमी दिख रहा है।

अगर किसी इंसान से महानता की अपेक्षा की जाए तो अंदर व बाहर की सारी प्रकृति उसे महान बनाने की दिशा में प्रेरित करने लग जाती है।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं पड़ना चाहता। इसलिए अनाम है। वह अंदर की बातें आपके सामने रखता है। लेकिन उसमें बड़बोलापन हो सकता है। आपके निवेश फैसलों के लिए अर्थकाम किसी भी हाल में जिम्मेदार नहीं होगा। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का कॉलम है, जिसे हम यहां आपकी शिक्षा के लिए पेश कर रहे हैं)

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