बालाजी अमीन्स स्मॉल कैप कंपनी है। बीएसई के बी ग्रुप में है। उसका कुल बाजार पूंजीकरण 162 करोड़ रुपए है। कंपनी की कुल इक्विटी 6.48 करोड़ रुपए है जो पहले 10 रुपए अंकित मूल्य के शेयरों में बंटी थी, लेकिन 18 नवंबर 2010 से इन्हें 2 रुपए अंकित मूल्य के शेयरों में बांट दिया गया है। इसका 53.88 फीसदी हिस्सा प्रवर्तकों और 46.12 फीसदी हिस्सा पब्लिक के पास है। उसका शेयर शुक्रवार को बीएसई (कोड – 530999) में 3.77 फीसदी बढ़कर 49.50 रुपए और एनएसई (कोड – BALAMINES) में 3.79 फीसदी बढ़कर 49.30 रुपए पर बंद हुआ है।
जारी शेयरों की संख्या पांच गुना हो जाने से कंपनी का ईपीएस (प्रति शेयर शुद्ध लाभ) इसी अनुपात में घट गया। फिर भी उसका ठीक पिछले बारह महीनों का ईपीएस अभी 8.62 रुपए है। इस तरह शेयर मौजूदा भाव पर मात्र 5.74 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। वैसे, पिछले साल भर में उसका अधिकतम पी/ई अनुपात 9.20 तक गया है। इसलिए यह शेयर 75 रुपए तक जाने की गुंजाइश तो रखता ही है।
कंपनी ने 27 जनवरी 2011 को दिसंबर तिमाही के शानदार नतीजे घोषित किए। इस दौरान उसकी बिक्री 51.85 फीसदी बढ़कर 96.68 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 107.13 फीसदी बढ़कर 8.72 करोड़ रुपए हो गया। उसका परिचालन लाभ मार्जिन (ओपीएम) 18.60 फीसदी रहा, जबकि इससे पहले सितंबर तिमाही में यह 18.43 फीसदी और जून तिमाही में 18.30 फीसदी था। जाहिर है कि कंपनी अपना धंधा बढ़ाने के साथ लाभप्रदता भी बढ़ा रही है।
लेकिन इतने अच्छे नतीजों के बावजूद उसका शेयर 27 जनवरी को 43.30 रुपए पर अटका रहा। अगले दिन 28 जनवरी को गिरकर 42.35 रुपए पर आ गया। फरवरी में इसका औसत भाव 40 रुपए और मार्च में 44.45 रुपए रहा है। चालू अप्रैल माह में 52.80 रुपए तक गया है। 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर इसने 10 नवंबर 2010 को 57.60 रुपए पर बनाया था।
बालाजी अमीन्स 1988 में बनी कंपनी है। मेथाइल अमीन्स, इथाइल अमीन्स व स्पेशियलिटी केमिकल्स के डेरिवेटिव्स जैसे रसायन बनाती है। उसके उत्पाद दवा, कृषि रसायन, रिफाइनरी, वॉटर ट्रीटमेंट रसासन, रबर रसायन और फोटोग्राफिक रसायन उद्योग में इस्तेमाल होते हैं। कंपनी की दो फैक्टरियां महाराष्ट्र और एक फैक्टरी आंध्र प्रदेश में है। जिंदल पॉलिफिल्म्स व कनोरिया केमिकल्स उसकी प्रतिस्पर्धी कंपनियां हैं जिनके शेयर इस समय क्रमशः 11.5 व 15.49 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहे हैं।
बालाजी अमीन्स अपने उत्पादों का बड़ा हिस्सा दुनिया के कई देशों को निर्यात करती है। उसकी मजबूती का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2008 से 2010 के बीच वैश्विक मंदी के बावजूद उसका शुद्ध लाभ 15.33 करोड़ से 34.70 फीसदी बढ़कर 20.65 करोड़ रुपए हो गया। 2009-10 में उसका शुद्ध निर्यात 58.20 करोड़ से 14.56 फीसदी बढ़कर 67.17 करोड़ रुपए हो गया था। कंपनी 2006 लेकर लगातार हर साल लाभांश देती रही है। 2010-11 का लाभांश देने के लिए कंपनी के निदेशक बोर्ड की बैठक 28 अप्रैल को हो रही है।
कंपनी की कुछ और खासियतें। वह अपनी जरूरत से ज्यादा बिजली खुद बना लेती है। उसकी 49 फीसदी इक्विटी हिस्सेदारी वाली एक सब्सिडियरी है बालाजी ग्रीनटेक जो सीएफएल (कॉम्पैक्ट फ्लोरोसेंट लैंप) बनाती है। इसका आईपीओ लाने की योजना है। साथ ही वह सोलापुर (उसकी एक फैक्टरी वहीं हैं) में 40 करोड़ रुपए की लागत से खुद की अपनी जमीन पर 100 कमरों का एक चार-सितारा होटल बना रही है। असल में सोलापुर में कोई अच्छा होटल नहीं है तो कंपनी इस मौके का फायदा उठाना चाहती है। वैसे, इसका प्रबंधन वह खुद नहीं, बल्कि सरदार ग्रुप ऑफ होटल्स देखेगा। होटल मार्च 2012 तक बनकर तैयार हो जाने की अपेक्षा है।
कुल मिलाकर बालाजी अमीन्स अच्छी व मजबूत कंपनी है। बिजनेस के हर मौके का सही इस्तेमाल करती है। शेयरधारकों के साथ अपना फायदा बांटती है। इसका इक्विटी पर रिटर्न 25.88 फीसदी और नेटवर्थ पर रिटर्न 23 फीसदी है। इसके शेयरों में निवेश करनेवालों को भी अच्छा रिटर्न मिलने की उम्मीद है। अंत में एक बात और। इसमें एफआईआई व डीआईआई ने एक घेले का भी निवेश नहीं कर रखा है। क्यों? इस पर सोचिएगा जरूर।