खबर आ जाती तो अच्छा था। लेकिन यहां तो कानोंकान सुनी और कही गई बातें फैलाई जा रही हैं। कहा गया कि आईबी की रिपोर्ट में रुचि सोया और केएस ऑयल के शेयर-भावों के साथ धांधली की बात है और रुचि सोया को 27 फीसदी व केएस ऑयल को 14.69 फीसदी फटका लग गया। निवेशक घबराए हुए हैं। ऐसे में सेबी को चाहिए कि सामने आकर स्थिति साफ करे कि आईबी की ऐसी कोई रिपोर्ट है किऔरऔर भी

लॉयड इलेक्ट्रिक (बीएसई कोड – 517518, एनएसई कोड – LLOYDELENG) का शेयर सतह से उठने लगा है। पिछले एक महीने में यह 15 फीसदी बढ़ चुका है। 8 अक्टूबर को यह 71.50 रुपए पर बंद हुआ था। कल 9 नवंबर को यह (5.72 फीसदी बढ़कर) 82.25 रुपए पर बंद हुआ है। जल्दी ही इसके 120 रुपए से ऊपर पहुंच जाने के आसार हैं। हालांकि दूसरी तिमाही के उसके नतीजे बहुत खास नहीं रहे हैं। सितंबर 2010 मेंऔरऔर भी

अरेवा टी एंड डी इंडिया लिमिटेड के नाम में टी एंड डी का मतलब ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन से। कंपनी मुख्यतः बिजली के पारेषण और वितरण से जुड़े उपकरण बनाती है। कंपनी ने शनिवार को ही सितंबर तिमाही के जबरदस्त नतीजे घोषित किए हैं। उसने 1047.85 करोड़ रुपए की आय पर 62.95 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है, जबकि साल भर पहले की सितंबर तिमाही में उसकी आय 750.95 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 22.40 करोड़ रुपएऔरऔर भी

ऑर्किड नहीं आर्किडप्लाई इंडस्ट्रीज नाम है उसका। उसके शेयर एनएसई (कोड – ARCHIDPLY) और बीएसई (कोड – 532994) में लिस्टेड हैं। बी ग्रुप के इस शेयर का अंकित मूल्य 10 रुपए है। उसकी मौजूदा बुक वैल्यू 48.38 रुपए है, जबकि शेयर का भाव चल रहा है 32.90 रुपए। कल ही बीएसई में इसमें 3.79 फीसदी और एनएसई में 2.52 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है। मोटी-सी बात है कि कोई शेयर अगर अपनी बुक वैल्यू सेऔरऔर भी

प्रेसिजन पाइप्स एंड प्रोफाल्स कंपनी लिमिटेड पाइप नहीं बनाती। वह कारों में इस्तेमाल होनेवाले सीलिंग सिस्टम व मोल्डिंग, रेफ्रिजरेशन में लगनेवाले तमाम पीवीसी पार्ट और निर्यात बाजार के लिए भांति-भंति की मोल्डिंग बनाती है। हां, उसके समूह की अन्य कंपनी जरूर पीवीसी पाइप बनाती है। 1978 में बनी कंपनी है। जापान की तोकाई कोग्यो कंपनी से तकनीक का करार कर रखा है। मारुति, होंडा, फिएट व जनरल मोटर्स से लेकर गोदरेज, इलेक्ट्रोलक्स, कैरियर, वीडियोकॉन, वोल्टास और ब्लूऔरऔर भी

सुपर टैनरी (बीएसई कोड-523842) कानपुर की पुरानी कंपनी है। जूते बनाती है, निर्यात करती है। भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त एक्सपोर्ट हाउस है। इसके बारे में दो खास चौंकानेवाली बातें हैं। एक, इस साल जून की तिमाही में उसकी बिक्री में 72 फीसदी और शुद्ध लाभ में 250 फीसदी वृद्धि हुई है। दो, इसने मार्च 1993 में अपने पब्लिक इश्यू में 10 रुपए का शेयर 55 रुपए प्रीमियम यानी 65 रुपए मूल्य पर जारी किया था, लेकिनऔरऔर भी

1947 में आजाद हुआ देश और 1947 में ही बनी अतुल लिमिटेड। यह अरविंद मिल्स के लालभाई समूह की कंपनी है। इसके छह बिजनेस डिवीजन हैं – एग्रो केमिकल, एरोमैटिक्स, बल्क केमिकल व इंटरमीडिएट, रंग, फार्मा संबंधी उत्पाद व पॉलिमर और सभी स्वतंत्र रूप से धंधा बढ़ाने में लगे रहते हैं। कंपनी के 36,000 से ज्यादा शेयरधारक हैं। उसके दफ्तर अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, चीन व वियतनाम तक में हैं जहां से वह अपने विदेशी ग्राहकों की जरूरतेंऔरऔर भी

पिछले तीन महीनों में वीसा स्टील का शेयर 45 रुपए से करीब 15% घटकर 38 रुपए के आसपास आ गया है। 7 अप्रैल 2010 को यह ऊपर में 45.80 और नीचे में 43.70 तक जाने के बाद 44.15 रुपए पर बंद हुआ था। कल 7 जुलाई 2010 को इसका बंद भाव बीएसई में 38.55 और एनएसई में 38.40 रुपए रहा है। सवाल उठता है कि क्या ढलान पर लुढकते इस शेयर से पैसा बनाया सकता है? जानकारऔरऔर भी

गरवारे-वॉल रोप्स पुणे की कंपनी है। 1976 में बनी अच्छी और बाजार की मांग से जुड़ी टेक्सटाइल कंपनी है। कंपनी औद्योगिक इस्तेमाल वाले तरह-तरह के नेट व रोप्स बनाती है। अमेरिकी की फर्म वॉल इंडस्ट्रीज के साथ उसका गठबंधन है। हालांकि कंपनी की 23.71 करोड़ रुपए की इक्विटी में अमेरिकी फर्म का हिस्सा महज 0.02 फीसदी (3505 शेयर) है। भारतीय प्रवर्तक आर बी गरवारे की इक्विटी हिस्सेदारी 46.49 फीसदी है। कंपनी में एफआईआई का निवेश 4.48 फीसदीऔरऔर भी

मंगलवार को बीएसई सेंसेक्स 240 अंक गिरा और एनएसई निफ्टी 77 अंक। लेकिन जीआईसी हाउसिंग फाइनेंस दोनों ही एक्सचेंजों में पहुंच गया 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर 106.40 रुपए (एनएसई) व 106.45 रुपए (बीएसई) पर। हालांकि बंद हुआ यह क्रमशः 104.15 और 104.10 रुपए पर। बढ़त का यह सिलसिला अभी जारी रहने का अनुमान है। असल में जीआईसी (साधारण बीमा निगम) और चार पांच सहायक कंपनियों – नेशनल इंश्योरेंस, ओरिएंटल इंश्योरेंस, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस, न्यू इंडिया एश्योरेंसऔरऔर भी