जब बाजार मंदड़ियों के पंजे में हो, सैकड़ों दिग्गज शेयर 52 हफ्ते की तलहटी बना रहे हों, वैसे माहौल में अगर कोई शेयर 52 हफ्ते का शिखर बना जाए तो जरूर उस पर नजर रखनी चाहिए। अमृत बनस्पति कंपनी (बीएसई कोड – 531728) ऐसा ही एक स्टॉक है जो कल 5.76 फीसदी बढ़ा है और जिसने 215 रुपए पर 52 हफ्ते का नया उच्चतम स्तर हासिल किया है। इसका 52 हफ्ते का न्यूनतम स्तर 97.30 रुपए का है जहां यह आठ महीने पहले 8 जून 2010 को पहुंचा था।
गौर करने की बात यह है कि महीने पर पहले ही 7 जनवरी 2011 को अमृत बनस्पति का शेयर 109.15 रुपए पर बंद हुआ था। फिर धीरे-धीरे करके इसका 96.97 फीसदी की बढ़त के साथ 215 रुपए पर पहुंच जाना काफी चौंकानेवाला है। बता दें कि यह कंपनी केवल बीएसई में लिस्टेड है, एनएसई में नहीं। 7 जनवरी को अचानक इसमें 4.52 लाख शेयरों का कारोबार हुआ था। उसके बाद वोल्यूम ठंडा पड़ता गया। फिर से सुगबुगाहट 28 जनवरी से शुरू हुई। उस दिन शेयर 125.70 रुपए पर बंद हुआ था। फिर तो यह लगातार बढ़ता ही गया। कल 21,114 शेयरों के वोल्यूम के साथ यह 214 रुपए पर बंद हुआ है।
इस बीच 29 जनवरी को कंपनी ने दिसंबर 2010 की तिमाही के नतीजे घोषित किए हैं। साल भर पहले की इसी तिमाही की तुलना में कंपनी की बिक्री 32.62 फीसदी बढ़कर 223.85 करोड़ रुपए से 296.87 करोड़ रुपए पर पहुंच गई। वही शुद्ध लाभ 252.56 फीसदी बढ़कर 2.43 करोड़ रुपए से बढ़कर 8.57 करोड़ रुपए हो गया। हो सकता है कि इस तरह शुद्ध लाभ का करीब ढाई गुना बढ़ जाना वह ट्रिगर रहा हो, जिसके चलते यह स्टॉक अचानक इतनी तेजी से बढ़ा है। लेकिन खास बात यह है कि इतना बढ़ने के बावजूद यह शेयर महंगा नहीं हैं।
कंपनी का ठीक पिछले बारह महीनों का ईपीएस (प्रति शेयर शुद्ध लाभ) 23.69 रुपए है। इस तरह इसका शेयर इस समय मात्र 9.03 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। शेयर की बुक वैल्यू 67.64 रुपए है। कंपनी की इक्विटी 7.36 करोड़ रुपए है जो दस रुपए अंकित मूल्य के शेयरो में विभाजित है। इसका 26.79 फीसदी पब्लिक के पास और 73.21 फीसदी हिस्सा प्रवर्तकों के पास है। पारंपरिक किस्म के प्रवर्तक है तो कंपनी को सीने से चिपका कर रखते हैं! कंपनी पिछले चार सालों से लगातार लाभांश देती रही है। उसने पिछला लाभांश सितंबर 2010 में 2 रुपए प्रति शेयर यानी 20 फीसदी का दिया था।
अब कंपनी की असली बात। एक बात तो आप जानते ही होंगे कि यह खाद्य तेल बनानेवाली कंपनी है। लेकिन शायद आपको नहीं पता होगा कि गगन (खाओ गगन, रहो मगन) और गिन्नी इसी कंपनी के ब्रांड हैं। कंपनी ने 1969 में शुरुआत पंजाब के राजपुरा में वनस्पति संयंत्र से की थी। लेकिन अब वह गिन्नी ब्रांड के मूंगफली, बिनौला, राइसब्रान, सोयाबीन, सरसों व सूरजमुखी जैसे तमाम खाद्य तेल बनाती है। गगन ब्रांड से वह सरसों का कच्ची घानी तेल और नमक भी बनाने लगी है। कंपनी के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक नरेश कुमार बजाज हैं।
कंपनी की बिक्री बीते साल 2009-10 में 806.36 करोड़ रुपए रही है। देश के करीब 800 शहरो में उसके 1200 से ज्यदा डीलर है। कंपनी मध्य वर्ग के उपभोक्ता को अपना लक्ष्य बनाए हुए है, जहां उसका ब्रांड अच्छी साख रखता है। ऐसे में अगर कंपनी का शेयर बढ़ रहा है और बढ़ने के बावजूद 9.03 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है तो हम यही कह सकते हैं कि स्टॉक अपने सही मूल्यांकन के करीब पहुंच रहा है। इसमें अब भी निवेश किया जा सकता है।
चलते-चलते एक और बात। अमित की पुरानी तलाश – टीसीआई फाइनेंस तो अब निचले सर्किट के जाल में फंस गया है। इसी तरह का एक और झंझावाती शेयर है मधुसूदन सिक्यूरिटीज जिसमें बराबर ऊपरी सर्किट लग रहा है। इस पर नजर रखिए। अमित की इस नई तलाश के बारे में हम कल बताएंगे उन्हीं की जुबानी। तब तक मस्त रहिए। बाजार से डर लगे तो कूदिए मत, दूर से तमाशा देखिए।