वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने शुक्रवार को कहा कि पेट्रोल की कीमतों में हाल की वृद्धि का मुद्रास्फीति पर कुछ असर पड़ेगा। सकल मुद्रास्फीति दहाई अंक के करीब पहंच चुकी है। उन्होंने राजधानी दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि निश्चित रूप से मुद्रास्फीति पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ेगा। लेकिन तेल कीमतें ऊपर जा रही है और पेट्रोल नियंत्रण-मुक्त है।
यह पूछे जाने पर कि कीमत वृद्धि को लेकर सरकार की सहयोगी दलों को अंधेरे में क्यों रखा गया, मुखर्जी ने कहा कि सरकार में कोई नहीं जानता क्योंकि पेट्रोल कीमतों में वृद्धि तेल कंपनियां कर रही है न कि सरकार। डीजल, केरोसीन और गैस जरूरी नियंत्रित वस्तुएं हैं।
पेट्रोल की कीमत में वृद्धि उस समय हुई है जब थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति दहाई अंक के करीब पहंच चुकी है और इस कदम का कीमतों पर व्यापक असर पड़ सकता है। सितंबर महीने में सकल मुद्रास्फीति 9.72 फीसदी रही जो रिजर्व बैंक के 5-6 फीसदी के सामान्य स्तर से अधिक है। पिछले वर्ष जून में पेट्रोल की कीमत को नियंत्रण-मुक्त कर दिया गया था।