पेट्रोलियम मंत्रालय ने मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) को एस्सार स्टील जैसे गैर-प्राथमिक क्षेत्र की कंपनियों को गैस की आपूर्ति तत्काल रोक देने का निर्देश दिया है। उर्वरक और बिजली संयंत्रों की ईंधन जरूरत पूरा करने के इरादे से मंत्रालय ने यह आदेश दिया है।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक मई 2010 के हाईकोर्ट की व्यवस्था का हवाला देते हुए मंत्रालय ने पिछले सप्ताह रिलायंस को लिखे पत्र में केजी-डी6 फील्ड से उत्पादित गैस उर्वरक और बिजली जैसे प्राथमिक क्षेत्रों को पहले आवंटित किए जाने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि सरकार को गैस उपयोग की नीति तैयार करने का अधिकार है।
रिलायंस फिलहाल अपने पूर्वी अपतटीय केजी-डी6 गैस ब्लाक से 5 करोड़ घन मीटर प्रतिदिन गैस उत्पादित कर रही है। यह यूरिया बनाने वाली इकाई, बिजली संयंत्रों, एलपीजी संयंत्रों और शहरों में गैस वितरण करने वाली कंपनियों जैसी प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के लिए पर्याप्त है।
इससे पहले, कंपनी ने मंत्रालय द्वारा पहले दिए गए उस आदेश का पालन करने से मना कर दिया था जिसमें कहा गया था कि प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को गैस आवंटित करने के बाद ही बची गैस स्टील, रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल क्षेत्रों को दी जा सकती है।
गैर-प्राथमिकता वाले स्पंज आयरन संयंत्र, पेट्रोकेमिकल इकाइयों व तेल रिफाइनरियों के लिए सरकार ने 2008 और 2009 में केजी-डी6 से उत्पादित होने वाले 6.08 करोड़ घन मीटर प्रतिदिन में से 1.31 करोड़ घन मीटर प्रतिदिन गैस का आवंटन किया था। बहरहाल, उत्पादन 5 करोड़ घन मीटर प्रतिदिन के स्तर पर आने से चिंतित पेट्रोलियम मंत्रालय चाहता है कि ईंधन सबसे पहले प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को ही जाए।