हनुंग टॉयज एंड टेक्सटाइल्स कल बीएसई (कोड – 532770) में 2.19 फीसदी बढ़कर 198.50 रुपए और एनएसई (कोड – HANUNG) में भी 2.19 फीसदी बढ़कर 198.60 रुपए पर बंद हुआ है। लेकिन यह अब भी बहुत सस्ता है। कारण, कंपनी का ठीक पिछले बारह महीनों (टीटीएम) का ईपीएस (शुद्ध लाभ प्रति शेयर) 48.59 रुपए है। इस तरह मौजूदा भाव पर यह मात्र 4.09 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। शेयर की बुक वैल्यू ही 190.11 रुपए है, बाजार भाव के लगभग बराबर। कल बीएसई में हुए 94000 शेयरों के वोल्यूम में से 19.56 फीसदी और एनएसई में 2.67 लाख शेयरों के वोल्यूम में से 21.21 फीसदी ही डिलीवरी के लिए थे। यानी डे ट्रेडर भी इस शेयर का झुनझुना कायदे से बजा रहे हैं।
कंपनी भी अच्छी है, संभावनामय है, बराबर बढ़ रही है। वह भारत में सॉफ्ट टॉयज बनाकर निर्यात करनेवाली सबसे बड़ी कंपनी है। साथ ही अब होम फर्निशिंग की टेक्सटाइल चीजें भी बनाने लगी है। अमेरिका, यूरोप, लैटिन अमेरिका और मध्य-पूर्व में उसके थोक ग्राहक हैं। यूरोप की महशूर फर्नीचर व होम फर्निशिंग चेन इकिया और अमेरिका ही नहीं, दुनिया का सबसे बड़ा रिटेल स्टोर उससे माल खरीदता है। वाल्ट डिज्नी का लाइसेंस इसके पास है। Play-n-Pets और मुस्कान इसी के ब्रांड हैं। दक्षिण कोरिया की कंपनी के साथ उसका तकनीकी करार है।
अभी हफ्ते भर पहले 9 मार्च को ही उसने अमेरिका की एक कंपनी कॉडी डायरेक्ट कॉर्प के अधिग्रहण की सूचना दी है। हालांकि उसके बाद उसका शेयर 217.65 रुपए तक उठने के बाद नीचे आ गया है। इसका 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर 414.30 रुपए (12 नवंबर 2010) और न्यनतम स्तर 172 रुपए (17 मार्च 2010) है। एक बात नोट की आपने। ठीक साल भर पहले आज ही के दिन इस स्टॉक ने अपनी तलहटी पकड़ी थी। वैसे, अब भी उससे ज्यादा दूर नहीं है।
आप लोगों को शायद याद होगा कि इसका आईपीओ सितंबर 2006 में 95 रुपए इश्यू मूल्य पर आया था। करीब नौ गुना सब्सक्राइब हुआ था। आज इसके तब के निवेशक चहक रहे होंगे क्योंकि साढ़े चार साल के भीतर शेयर के मरी-गिरी सूरत में भी उनका पैसा दोगुना हो चुका है। कंपनी ने दिसंबर 2010 की तिमाही में 282.53 करोड़ रुपए की शुद्ध बिक्री पर 31.17 करोड़ रुपए का कर-बाद मुनाफा कमाया है। साल भर पहले की समान अवधि में उसकी बिक्री 214.48 करोड़ और कर-बाद लाभ 23.08 करोड़ रुपए था। कंपनी के बढ़ने की रफ्तार की गणना आप खुद कर सकते हैं। बीते वित्त वर्ष 2009-10 में उसने 836.90 करोड़ रुपए की बिक्री पर 90.13 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था, जबकि चालू वित्त वर्ष के नौ महीनों में ही वह 88.75 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमा चुकी है।
कंपनी के निदेशक बोर्ड ने करीब तीन महीने पहले अपने शेयर बायबैक करने के प्रस्ताव पर विचार किया था। लेकिन कंपनी की भावी विस्तार योजनाओं को देखते हुए उसे ऐसा करना मुनासिब नहीं लगा। कंपनी के पास 453.66 करोड़ रुपए के रिजर्व हैं। उसकी मौजूदा इक्विटी पूंजी 25.19 करोड़ रुपए है जो दस रुपए अंकित मूल्य के शेयरों में विभाजित है। इसका 65.30 फीसदी हिस्सा प्रवर्तकों और 34.70 फीसदी हिस्सा पब्लिक के पास है। पब्लिक के हिस्से में से डीआईआई के पास कुछ नहीं और एफआईआई के पास केवल 4.59 फीसदी शेयर हैं। कंपनी के शेयरधारकों की कुल संख्या 18,409 है। उसके बड़े शेयरधारकों में शिनसेई यूटी इंडिया फंड (3.03 फीसदी), ग्लोब कैपिटल मार्केट (1.04 फीसदी), क्रेडिट सुइस सिंगापुर (1.66 फीसदी) और हाई टेक प्रॉपर्टी डेवलपमेंट एंड एंटरप्राइसेज (1.42 फीसदी) शामिल हैं।