एक तरफ विपक्ष विदेश में रखे एक-सवा लाख करोड़ रुपए के कालेधन पर हल्ला मचा रहा है। वहीं, दूसरी तरफ देश के भीतर करीब ढाई लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के आयकर की वसूली नहीं हो पाई है। यह किसी और नहीं, खुद सरकार की तरफ से बताया गया है।
संसद में सरकार की तरफ दी गई आधिकारिक जानकारी के अनुसार चालू वित्त 2010-11 की शुरुआत में एक अप्रैल 2010 तक देश में कुल बकाया आयकर की रकम 2,48,927 करोड़ रुपए थी। बकाया आयकर की मात्रा एक अप्रैल 2009 को 2,13,646 करोड़ रूपए थी। इस तरह साल भर में ही आयकर की बकाया राशि में 35,281 करोड़ रुपए का इजाफा हो गया है।
गौरतलब है कि वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने इस साल के बजट में आयकर से कुल प्राप्तियों का अनुमान 1,20,566 करोड़ रुपए रखा है। इस तरह बकाया आयकर की रकम साल भर में इससे मिलनेवाली कुल राशि के दोगुने से भी ज्यादा है।
वित्त राज्यमंत्री एस एस पलानीमणिक्कम ने मगलवार को नंद कुमार साय के सवालों के लिखित जवाब में राज्यसभा को बकाया आयकर के बारे में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) से कहा गया है कि वह 10 करोड़ रुपए से ज्यादा बकाया आयकर के सभी मामलों की निगरानी करे। साय ने फिल्मी हस्तियों और टीवी कलाकारों के यहां आयकर बकाए के बारे में जानकारी मांगी थी। मंत्री ने अपने जवाब में कहा कि आयकर विभाग विशिष्ट व्यापार में लगे लोगों के आधार पर आंकड़े नहीं रखता।
पलानीमणिक्कम ने रामकृपाल यादव के एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि जर्मन कर अधिकारियों ने एलजीटी बैंक में भारतीय नागरिकों के बैंक खातों के संबंध में भारत सरकार को सूचना उपलब्ध कराई है। उन्होंने कहा कि प्राप्त सूचना के आधार पर 18 लोगों को प्राप्त होने वाली 39.66 करोड़ रुपए की आय का पुनर्निर्धारण किया गया है और 24.66 करोड़ रुपए के टैक्स की मांग की गई है।