चक्कर शक्कर व प्रीटि ज़िटा का!

बाजार की गति बतानेवाला बीएसई सेंसेक्स आज 17,935 अंक पर बंद हुआ। यह अब 18,000 के स्तर से कुछ ही फासले पर है। आनेवाले हफ्तों में यह 18,300 अंक के पार जा सकता है। टाटा स्टील 680 रुपए पर जा पहुंचा तो स्टरलाइट 865, सैंडुर 760, विंडसर 47, विमप्लास्ट 184, शिवालिक 33, बालासोर 28, आरडीबी 118, एसएनएल 42, जमना ऑटो 89 और एनआरबी 78 रुपए तक चला गया। बढ़त का दौर ऐसे ही चला। फिर भी बहुत से कारोबारी कह सकते हैं कि आपकी प्रगति अच्छी नहीं है। लेकिन मेरा सवाल है कि आखिर आप चाहते क्या हैं? यह बात एक बार फिर साबित करती है कि समस्या न तो कंपनियों के साथ है और न ही रिसर्च के साथ। असली समस्या शेयर कारोबारियों की मानसिकता के साथ है। इनमें से बहुतेरे ट्रेडर बिना कोई तकलीफ उठाए केवल मुनाफे के सौदे करना चाहते हैं। दरअसल, ऐसे ही कारोबारियों ने सच्चे निवेशकों की जिंदगी दूभर बना दी है।

जिनको भरोसा है और जो सही समझदारी व दृष्टि के साथ निवेश करते हैं, उऩ्हें अपना मनचाहा रिटर्न हमेशा मिल जाता है। बजाज स्टील को हमने 110 पर चिह्नित किया था जो 350 रुपए पर पहुंच गया है। अब बाजार के दूसरे लोग उसमें खरीद की सलाह दे रहे हैं। ऐसा ही मामला सैंडुर और आईएमएफए वगैरह का है। आप जल्द ही बाजार के दूसरे मध्यवर्तियों की तरफ एमएसपी स्टील, शिवालिक बाईमेटल, एसएस डंकन, इयॉन एक्सचेंज, कावेरी टेली और लक्ष्मी इलेक्ट्रिक कंट्रोल आदि में भी खरीदने की सिफारिश सुनेंगे। ऑपरेटर भी इनमें सक्रिय हो जाएंगे। इन सभी शेयरों के बारे में सीएनआई रिसर्च काफी पहले अपनी सकारात्मक राय दे चुकी है।

शिवालिक बाईमेटल में आज असामान्य वॉल्यूम हुआ है। 120 लाख शेयरों के सौदो को किसी भी आधार पर बड़ा वॉल्यूम माना जाएगा। वह भी 52 हफ्तों के शिखर के पास आकर इतना ज्यादा कारोबार इस शेयर के लिए बड़ा ही शुभ संकेत है। मूल रूप से कहें तो यह स्टॉक तो हमेशा से, ये दिल मांगे मोर की स्थिति में रहा है। बाजार के लिए इसकी सहयोगी कंपनी में एल एन मित्तल की हिस्सेदारी कोई मामूली उपलब्धि नहीं है। जो समझते हैं, उनके लिए यह सोने की खान है। सोने का खनन तो बहुत महंगा होता है और उसमें मुनाफा कमाना भी मुश्किल है। लेकिन इस कंपनी में तो एल एन मित्तल का बिल्ला एक डॉलर से भी कम कीमत में मिल रहा है!!!

अब बाजार पर लौटते हैं। एनएसई निफ्टी का 5368 पर बंद होना दलाल स्ट्रीट के खिलाड़ियों की उम्मीद से बढ़कर है। लेकिन यह सीएनआई की अपेक्षा के अंदर ही है। जब सारी दुनिया 5300 पर बेचने की बात कर रही थी, तब सीएनआई का यही कहना था कि 5600 का स्तर पाया जा सकता है।

कंपनियों के नतीजों का सीजन शुरू हो गया है और 13 अप्रैल बड़ा खास दिन है क्योंकि उस दिन इनफोसिस के वित्तीय परिणाम घोषित होंगे। बाजार इनफोसिस की भावी धारणा के आधार पर किधर भी जा सकता है। डॉलर के सापेक्ष रुपया मजबूत होते-होते 45 से नीचे आ गया है। इसका अगला पड़ाव 42 का होगा यानी एक डॉलर 42 रुपए का हो सकता है। अगर धारणा अच्छी भी रहती है तो इसे टेक्नोलॉजी सेक्टर के दूसरे शेयरों का आधार बनाया जा सकता है। वैसे, मेरी सलाह इस सेक्टर से दूर रहने की है। अगर धारणा बुरी रहती है तो पूरा बाजार धसक कर नीचे आ जाएगा। इसलिए ऐसा होने से पहले एफ एंड ओ (डेरिवेटिव सौदों) में अपनी पोजीशन सही व सीमित कर लें।

मुझे पता है कि हमारी चेतावनी के बाद भी आप दिल से इस बात को स्वीकार नहीं करेंगे और फिर चिल्लाएंगे कि बजाज हिंदुस्तान तो लुढ़क गया…? कमोडिटी से जुड़े किसी भी स्टॉक में निवेश से पहले इस जोखिम का आकलन कर लेना चाहिए। चीनी, स्टील और सीमेंट तक में कभी करेक्शन आ सकता है। इसलिए इनके शेयरों में निवेश की स्थिति इस आशंका को ध्यान में रखते हुए बनानी या बिगाड़नी चाहिए। यह समय बजाज हिंदुस्तान में एवरेजिंग करने यानी नए सौदों से पुरानी खरीद के भाव को संतुलित करने का है क्योंकि यह स्टॉक प्रीटि जिंटा की तरह मजबूत वापसी करेगा। वैसे, इस मायने में प्रीटि शक्कर से कमतर नहीं है।

जो लोग इश्क में गहरे डूबते हैं, वे कभी बूढ़े नहीं होते। उम्र बीतने पर मरते वे भी हैं। मौत को गले लगाते वक्त भी वे जवानी के उल्लास से लवरेज रहते हैं।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है लेकिन फालतू के वैधानिक लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

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