इस बार हफ्ते की शुरुआत दिवाली से। और, दिवाली पर रात को दीपों की माला सजाने से पहले शाम को होनी है बीएसई व एनएसई में एक घंटे की मुहूर्त ट्रेडिंग शाम 6.15 बजे से शाम 7.15 बजे तक। यह आगाज़ होगा नए सम्वत 2079 का। ब्लॉक डील का सत्र 5.45 बजे से 6 बजे तक चलेगा, जबकि प्री-ओपन सत्र 6 बजे से 6.08 बजे तक आठ मिनट का होगा। आपर जानते ही है कि मुहूर्त ट्रेडिंग में कम समय में बाज़ार में ज्यादा ही उछल-कूद होती है। यह भी खास बात है कि दुनिया के किसी भी शेयर बाज़ार में इस तरह की मुहूर्त ट्रेडिंग का कोई रिवाज़ नहीं है। लेकिन अपने यहां इसे धनलक्ष्मी से जोड़कर सालाना अनुष्ठान बना दिया गया है जो साल 1875 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के चालू होने के बाद से ही हर दिवाली पर पूजा-अर्चना के बाद सम्पन्न किया जाता है।
वैसे, अपने मुहूर्त ट्रेडिंग का मनोवैज्ञानिक या सेंटीमेंटल महत्व ज्यादा है। शुभ अवसर मानकर पूरी पवित्रता व भक्ति भाव से इसका निर्वाह किया जाता है। आंकड़ों की बात करें तो पिछले सात साल में उस दिवाली से इस दिवाली तक निफ्टी-50 का सालाना रिटर्न -3% से +39% का रहा है। ठीक बीते सम्वत 2078 की बात करें तो मुहूर्त के बाद से निफ्टी-50 बढ़ने के बजाय 1.90% घटा है। इसलिए मुहूर्त पर निवेश करके बाज़ार से साल भर में कमा लिया जाए, यह कोई ज़रूरी नहीं। फिर भी परम्परा है तो हर ट्रेडर इसे निभाने को उत्सुक रहता है। यह अलग बात है कि लक्ष्मी-गणेश की पूजा कर लेने के शेयर बाज़ार के ‘ज़ीरोसम गेम’ होने का सच बदल नहीं जाता। ट्रेडिंग में एक का नुकसान ही दूसरे का फायदा होता है।
केवल मुहूर्त ट्रेडिंग की बात करें तो इसके पिछले 15 साल के सत्रों में से 11 के दौरान बाज़ार बढ़ा है। इसलिए ट्रेडरों के लिए इस दिन लॉन्ग सौदों से लाभ कमाने की प्रायिकता ज्यादा है। लेकिन इससे भी ज्यादा महत्व है कि हम मुहूर्त के बहाने नए साल या सम्वत की शुरुआत आशा पर दांव लगाकर करते हैं। यह काफी अच्छी बात है क्योंकि आशा ही तो हमें सक्रियता के लिए प्रेरित करती है और हमारा सक्रिय कर्म ही इस दुनिया से हमें जो भी मिल सकता है, उसे दिलाता है।
एक बात और गौर करने की है कि जहां पिछली दिवाली से इस दिवाली तक निफ्टी-50 सूचकांक 1.90% और सेंसेक्स-30 सूचकांक 1.27% घटा है, वहीं 24 कैरेट सोने का भाव इस दौरान 5.06% बढ़ा है। साल भर पहले इसके दस ग्राम का भाव 47,850 रुपए था जो अब 50,270 रुपए है। अपने यहां परम्परागत रूप से सोने में निवेश किया जाता रहा है। निवेश सलाहकारों का भी कहना है कि हमें 12 महीने का अनुमानित खर्च बैंक के बचत खाते या किसी म्यूचुअल फंड की लिक्विड फंड स्कीम में रखना चाहिए। इसके बाद बचत का 20% हिस्सा सोने में लगाना चाहिए और 80% बचत शेयर बाज़ार में अच्छी कंपनियों या समझ में न आए तो निफ्टी या किसी इंडेक्स फंड से जुड़े ईटीएफ में लगा देना चाहिए। अब नज़र डालते हैं कि इस बार मुहूर्त ट्रेडिंग पर बाज़ार का क्या रुख रह सकता है।
मुहूर्त पर निफ्टी की दशा-दिशा ↑
पिछला बंद | शुक्र का उच्चतम | शुक्र का न्यूनतम | शुक्र का बंद | संभावित दायरा |
17563.95 | 17670.15 | 17520.15 | 17576.30 | 17615-17685 |
जिनको आज स्टॉक्स में इंट्रा-डे ट्रेडिंग करनी है, वे कोटक महिंद्रा बैंक, एचडीएफसी, विप्रो, टाटा कंज्यूमर, हिंडाल्को, टाइटन या सनफार्मा में से किसी को भी चुन सकते हैं। लेकिन हम तो संजीदगी से परम्परा का निर्वाह करने वालों से कहेंगे कि इस बार आप कुछ नहीं, किसी इंडेक्स फंड या गोल्ड का ईटीएफ खरीद लो, कम से कम साल-दो साल के लिए। इसमें भी गोल्ड ईटीएफ खरीदें तो ज्यादा बेहतर होगा। एक अध्ययन के मुताबिक सोने ने अपने यहां रुपए में पिछले 41 सालों में औसतन 10% का सालाना रिटर्न दिया है। पिछली दिवाली से अब तक का रिटर्न भी 5% से ज्यादा रहा है। हालांकि इसी दौरान डॉलर में सोने का अंतरराष्ट्रीय भाव लगभग 9.5% गिरा है।
वैसे भी अभी जिस तरह दुनिया भर में मुद्रास्फीति चार दशकों के चरम पर है, डॉलर के मुकाबले तमाम मुद्राएं कांप रही है, विकसित देशों पर आर्थिक मंदी का खतरा मंडरा रहा है, उसमें सोने में निवेश करना अगले दो, चार या पांच साल के लिए काफी सुरक्षित व लाभप्रद हो सकता है। एनएसई में गोल्ड सर्च करेंगे तो आपको निप्पन इंडिया ईटीएफ गोल्ड BEES के साथ ही एसबीआई, यूटीआई, आदित्य बिड़ला सनलाइफ व एलआईसी म्यूचुअल फंड द्वारा संचालित गोल्ड ईटीएफ दिख जाएंगे। यहां हम छोटे, मगर ईमानदार व पूरी तरह प्रोफेशनल – क्वांटम म्यूचुअल द्वारा संचालित गोल्ड ईटीएफ का ब्योरा दे रहे हैं।
क्वांटम गोल्ड फंड – एक्सचेंज ट्रेडेड फंड [एनएसई – QGOLDHALF]
शुक्र का बंद | एंट्री ज़ोन | बीते 52 हफ्तों का उच्चतम/न्यूनतम | भावी उम्मीद | दो साल का अपेक्षित रिटर्न |
42.48 | 42.4–42.5 | 49.60/36.05 | 49 | 15.29% |
(भाव एनएसई के)
स्थाई सलाह: कभी भी यहां बताई गई सलाह पर तुंरत ट्रेडिंग में न जुट जाएं। पहले बाज़ार खुलने के कुछ देर बाद तक इंतज़ार करें। गौर से देखें कि रुझान क्या है। कभी-कभी ट्रेन्ड तो वही होता है, लेकिन थोड़ी देर बाद शुरू होता है। इसलिए उसे पकड़ने पर ध्यान रहे। यह भी ध्यान रखें कि शेयर बाज़ार में मौके एक बार नहीं, बार-बार मिलते हैं क्योंकि यहां भाव लहरों के रूप में चलते हैं। मौके भागे नहीं जा रहे। अभी कोई मौका चूक गया तो बाद में दबोच लेंगे। हमेशा अपनी ट्रेडिंग पूंजी को बचाकर चलें।
डिस्क्लेमर: शेयर बाजार के निवेश, खासकर ट्रेडिंग में बहुत ज्यादा रिस्क है। इसलिए ट्रेडिंग या निवेश का फैसला काफी सोच-विचार व रिसर्च के बाद ही करें। हम आपके निवेश या ट्रेड के लिए किसी भी रूप में ज़िम्मेदार नहीं होंगे।