एलायड डिजिटल सर्विसेज (बीएसई – 532875, एनएसई – ADSL) इस समय निवेशकों से मुखातिब है। समझाने में लगी है कि उसमें निवेश करना क्यों लाभ का सौदा है। आज ही वह इस सिलसिले में मुंबई में निवेशक दिवस बना रही है। आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रबंधन की सेवाएं देने वाली यह ठीकठाक कंपनी है। भारत में 132 जगहों पर मौजूद हैं और अमेरिका में एनप्वाइंटे ग्लोबल सर्विसेज के अधिग्रहण के बाद वहां के 40 से ज्यादा राज्यों में पहुंच गई है। कंपनी की आय का तकरीबन 60 फीसदी हिस्सा विदेशी बाजारों से आता है। यह उसका सकारात्मक पहलू है। लेकिन कभी-कभी नकारात्मक भी हो सकता है क्योंकि विदेशी मुद्रा दरों का उतार-चढ़ाव इसे प्रभावित करता है।
सितंबर 2010 की तिमाही में उसने 138.20 करोड़ रुपए की आय पर 29.08 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है। उसकी आय सितंबर 2009 के 110.36 करोड़ रुपए से 25.23 फीसदी और शुद्ध लाभ 24.16 करोड़ रुपए से 20.36 फीसदी ज्यादा है। बीते वित्त वर्ष 2009-10 में कंपनी ने 470.51 करोड़ रुपए की आय पर 96.65 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था। कंपनी ने साल भर पहले 12 नवंबर 2009 को अपने 10 रुपए अंकित मूल्य के शेयरों को दो भागों में बांटकर 5 रुपए अंकित मूल्य का कर दिया है।
कंपनी की इक्विटी अभी 23.25 करोड़ रुपए है। इसमें प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 43.42 फीसदी, एफआईआई की 24.59 फीसदी और घरेलू निवेशक संस्थाओं (डीआईआई) की 7.85 फीसदी है। नोट करने की बात यह है कि इसमें टाइम्स ऑफ इंडिया समूह की मालिक बेनेट कोलमैन एंड कंपनी की भी 2.12 फीसदी हिस्सेदारी है। उसके पास इसके 9.85 लाख शेयर हैं। इसमें से 2 लाख शेयर उसे वरीयता आवंटन में मिले वारंटों को शेयरों में बदलने से मिले हैं। वारंटों को शेयर में बदलने का मूल्य 277 रुपए रहा है। हाल ही में इनटेल की निवेश शाखा, इनटेल कैपिटल ने भी एलायड डिजिटल के साथ एक डील की है जिसके तहत वह कंपनी में 2.8 फीसदी हिस्सेदारी के लिए 32 करोड़ रुपए लगाएगी।
शुक्रवार को एलायड डिजिटल का शेयर बीएसई में 177.45 रुपए और एनएसई में 178 रुपए पर बंद हुआ है। इसमें एकबारगी वोल्यूम बढ़ गया है। बीएसई में पिछले दो हफ्ते में 63,000 शेयरों के औसत कारोबार के विपरीत शुक्रवार को इसमें हुआ कारोबार 2.46 लाख शेयरों का रहा है जिसमें से 89.87 फीसदी शेयर डिलीवरी के लिए थे। इसी तरह एनएसई में इसके 4.46 लाख शेयरों के सौदे हुए जिसमें से 83.85 फीसदी शेयर डिलीवरी के लिए थे। इसलिए कम से कम ऊपर-ऊपर माना जा सकता है कि इसमें डे-ट्रेडर नहीं, बल्कि सचमुच के निवेशक सक्रिय हो गए हैं।
यह अच्छी बात है क्योंकि शेयर इस समय मात्र 7.42 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। उसका ठीक पिछले बारह महीनों का ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 23.93 रुपए है। शेयर की बुक वैल्यू भी 149.77 रुपए के आकर्षक स्तर पर है। इसलिए इसमें निवेश का करना यकीनन घाटे का नहीं, मुनाफे का सौदा है। कंपनी दो सालों से बराबर लाभांश दे रही है जिसके उसके पुख्ता आधार की पुष्टि होती है। यह लगातार गतिशील कंपनी है और जानकारों का कहना है कि क्लाउट कंप्यूटिंग के नए चलन से उसे काफी नया धंधा मिलेगा।