खबरें अक्सर किसी शेयर को तात्कालिक आवेग देने का काम करती हैं। कभी-कभी यह भी होता है कि खबर को पहले ही बाजार डिस्काउंट करके चलता है तो उसके उजागर होने के फौरन बाद उसका असर नहीं होता। ऐसी ही खबर पिछले हफ्ते बाजार बंद होने के एक दिन बाद शनिवार को आई है सरकारी कंपनी आईटीआई लिमिटेड के बारे में। एक सरकारी अधिकारी के हवाले बताया गया कि आईटीआई में निर्णायक हिस्सेदारी देने के लिए नए सिरे से निविदा आमंत्रित की जाएगी। पहले भी इस तरह की कोशिशें हो चुकी हैं। लेकिन उनमें कामयाबी नहीं मिली है।
आईटीआई लिमिटेड तरह-तरह के टेलिफोन उपकरण बनाती है। कर्नाटक के बैंगलोर, उत्तर प्रदेश के नैनी, रायबरेली व मनकापुर, केरल के पलक्कड और जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में उसकी छह इकाइयां हैं। कंपनी का 10 रुपए अंकित मूल्य का शेयर शुक्रवार को बीएसई (कोड – 523610) में 2.21 फीसदी बढ़कर 41.55 रुपए और एनएसई (कोड- ITI) में 1.59 फीसदी बढ़कर 41.50 रुपए पर बंद हुआ है। इसका 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर 66.80 रुपए (19 जनवरी 2010) और न्यूनतम स्तर 36 रुपए (3 नवंबर 2009) रहा है। कंपनी की 288 करोड़ रुपए की इक्विटी में भारत सरकारी की हिस्सेदारी 92.98 फीसदी है।
पता नहीं खबर सच्ची है या प्लेस कराई गई है, लेकिन उसके असर से आज भी इस शेयर में हलचल और वृद्धि के आसार हैं। वैसे शुक्रवार को भी इससे औसत से तीन गुना कारोबार हुआ है। इस साल अभी तक आईटीआई का शेयर 15 फीसदी गिर चुका है, जबकि इसी दरमियान बीएसई सेंसेक्स लगभग 5 फीसदी बढ़ा है। सरकारी कुप्रबंधन के चलते इतने बड़े आधार और उपयोगिता वाली कंपनी घाटे के दलदल में धंस चुकी है।
उसकी प्रति शेयर बुक वैल्यू ऋणात्मक में 108.86 रुपए है। कंपनी ने 2009-10 में 4661.24 करोड़ रुपए की बिक्री के बावजूद 294.43 करोड़ रुपए का घाटा उठाया है। चालू वित्त वर्ष 2010-11 में जून तक की पहली तिमाही में उसे 1001.53 करोड़ रुपए की बिक्री पर 63.83 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। यह सारा कुछ इसीलिए कि सरकार इसे सस्ते दाम पर निजी क्षेत्र की किसी कंपनी को बेच देना चाहती है। उसका मौजूदा बाजार पूंजीकरण 1196.64 करोड़ रुपए है। लेकिन बुक वैल्यू भले ही ऋणात्मक हो, देनदारियां भले ही बहुत ज्यादा हों, लेकिन कंपनी की आस्तियां (संयंत्र, मशीनरी व जमीन-जायदाद) यकीनन अरबों में होंगी। कम से कम दो-तीन साल के लिए इसमें निवेश किया जा सकता है। लेकिन बहुत संभव है कि आज बाजार खुलते ही यह शेयर बढ़ जाए। अगर ऐसा न हो तो आज ही इसे थोड़ी मात्रा (100-200 शेयर) खरीद लेना चाहिए। नहीं तो खबर के गुबार के थमने का इंतजार करना चाहिए।
बाकी चर्चा-ए-खास यह है कि स्टाइलम पर नजर रखिए। अधिग्रहण की खबर आ सकती है। विष्णु केमिकल्स में भी नई हचलल के आसार हैं। एचसीएल टेक्नोलॉजीज पर निगाह रखिए। एचडीआईएल 293.20 रुपए से बढ़कर अगले दस दिनों में 350 रुपए तक जा सकता है। सेंचुरी टेक्सटाइल्स और लार्सन एंड टुब्रो में कुछ बड़े खिलाड़ियों द्वारा नई खरीद किए जाने की चर्चा है।