पिछले हफ्ते से ही चर्चा थी कि सोमवार 7 जून को मंत्रियों का समूह पेट्रोल व डीजल के दाम बढ़ाने का फैसला कर लेगा। इसके हिसाब से गणनाएं भी की जा रही थीं कि इंडियन ऑयल से लेकर ओएनजीसी का मूल्यांकन कितना बढ़ जाएगा और उनके शेयर कितने बढ़ सकते हैं। लेकिन कोरम न पूरा होने से मंत्रियों के समूह की बैठक ही न हो सकी और सारे कयास कुछ समय के लिए धरे के धरे रह गए।
मंत्रियों के इस समूह (ई-जीओएम) के अध्यक्ष वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी हैं। सोमवार की बैठक में प्रणव मुखर्जी समेत पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा, उर्वरक मंत्री एम के अलागिरी, योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोटेंक सिंह आहलूवालिया और कैबिनेट सचिव के एम चंद्रशेखर ने हिस्सा लिया है। लेकिन चार प्रमुख मंत्रियों की गैर-मौजूदगी के चलते कोई फैसला नहीं हो सका। अनुपस्थित मंत्रियों में रेल मंत्री ममता बनर्जी और कृषि मंत्री शरद पवार शामिल हैं। तेल सचिव एस सुंदरेशन के मुताबिक बैठक काफी अच्छी रही। लेकिन मंत्रियों के न होने से कोई फैसला नहीं लिया जा सका। जल्दी ही फिर बैठक बुलाई जाएगी।
मंत्रियों के समूह को किरीट पारिख समिति की सिफारिशों पर फैसला लेना है जिसमें पेट्रोल और डीजल पर मूल्य नियंत्रण खत्म करने की बात कही गई है। इसे मान लेने पर पेट्रोल के दाम 3.50 रुपए प्रति लीटर और डीजल के दाम 2 रुपए प्रति लीटर बढ़ जाएंगे। इसका राजनीतिक विरोध हो रहा है। खासकर, ममता बनर्जी इसे मानने को तैयार नहीं हैं। लेकिन मुरली देवड़ा इसे हर हालत में लागू करवाना चाहते हैं।