2जी लाइसेंसों के निरस्त होने के मद्देनजर भारतीय दूरसंचार उद्योग में रोजगार में जबरदस्त कमी आने की आशंका है। 2जी लाइसेंस निरस्त किए जाने से प्रभावित कंपनियों ने कर्मचारियों की छंटनी भी शुरू कर दी है। मानव संसाधन क्षेत्र में सक्रिय फर्म टीमलीज सर्विसेज की महाप्रबंधक (सेवाएं) मधुबाला वैद्यनाथन ने एक समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा, ‘‘जिन कंपनियों के 2जी लाइसेंस रद्द किए गए हैं, उनमें से ज्यादातर अपने कर्मचारियों की संख्या घटा रही हैं। यह सभी स्तरों पर हो रहा है और केवल प्रमुख रणनीतिक पदों पर लोगों को बनाए रखा जा रहा है।’’
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी में 2जी स्पेक्ट्रम के लिए जारी 122 लाइसेंस रद्द कर दिए थे जिससे तेजी से बढ़ रहे दूरसंचार क्षेत्र में अनिश्चितता पैदा हो गई है। वैद्यनाथन ने कहा, ‘‘दूरसंचार उद्योग ने बड़ी संख्या में नौकरियां उपलब्ध कराई हैं, इसलिए इस क्षेत्र में बड़ी तादाद में छंटनी किए जाने की आशंका है।’’
एक अन्य एचआर फर्म ग्लोबल-हंट के निदेशक सुनील गोयल ने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र के लिए बाजार के मौजूदा हालात को देखने पर पता चलता है कि इस क्षेत्र में लोगों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ सकता है। गोयल ने कहा कि हालांकि, होटल व पर्यटन, एफएमसीजी, वित्तीय सेवा और बैंकिंग क्षेत्र दूरसंचार क्षेत्र में बिक्री और मार्केटिंग व ग्राहक सेवा से निकले लोगों को खपा सकता है।
एक अन्य कार्यकारी खोज कंपनी स्पियरहेड इंटरसर्च के प्रबंध निदेशक ज्योर्दन मिश्र का कहना है कि जिन कंपनियों ने कामकाज बढ़ने की उम्मीद में बड़ी संख्या में कार्यकारियों की नियुक्ति की थी, उनके सामने अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो गई है। उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा कंपनियां लागत में कमी के हरसंभव उपाय अपना रही हैं।’’