एक्जिट पोल बता रहे हैं कि उत्तर प्रदेश चुनाव में बाजी समाजवादी पार्टी के हाथ लगेगी। एशियाई बाजारों में गिरावट दर्ज की गई है। इन दोनों ही घटनाओं का बाजार पर थोड़ा असर हुआ। यूं तो समाजवादी पार्टी ने कहा है कि उसे कांग्रेस के समर्थन की जरूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन यह सब राजनीतिक शोशेबाज़ी है। अगर वो 200 सीटों तक नहीं पहुंच पाती तो उसका काम कांग्रेस के बगैर नहीं चल सकता। वैसे भी एक्जिट पोल के मुताबिक उसे कुल 180 सीटें मिलने की उम्मीद है, जबकि 403 सदस्यों की विधानसभा में स्पष्ट बहुमत के लिए कम से कम 202 सीटों की दरकरा है।
निफ्टी आज खुला तो 5342.55 पर और दिन में 5344.50 तक ऊपर चला गया। लेकिन बंद हुआ 1.47 फीसदी की गिरावट के साथ 5280.35 पर। निफ्टी फ्यूचर्स का बंद स्तर 5320.55 का रहा। लेकिन दिन में नीचे में यह 5295 तक चला गया था। विधानसभा चुनावों के नतीजे कमोबेश अब सबको पता चल चुके हैं और बाजार भी अपेक्षित नतीजों के नकारात्मक असर को जज्ब कर चुका है। इसलिए कल जब नतीजे आएंगे तो बाजार को तेजी दिखानी चाहिए।
इसकी सीधी वजह यह है कि बाजार को 5650 के स्तर से ही करेक्शन चाहिए था और वो करेक्शन अब आ चुका है। ऊपर से यहां खेल भी हो चुका है। ज्यादातर ट्रेडर ऊंचे भावों पर लांग सौदे करके फंसे हुए थे और शनिवार को निफ्टी के 5350 और आज 5300 का स्तर तोड़ देने के बाद उन्होंने सारे लांग सौदे काट दिए। एक बार फिर कैश सेटलमेंट की व्यवस्था बाजार के उस्तादों के बड़े काम आ गई।
अब बाजार रुख पलटने के मोड़ पर खड़ा है। ऐसा अगले हफ्ते रेल बजट के दिन ही हो सकता है। निफ्टी के 5268 पर पहुंचने के साथ बाजार का रुख पलट सकता है, जबकि आगे बढ़ने की राह में 5440 पर प्रतिरोध का स्तर है। बाजार में बजट-पूर्व तेजी कल से शुरू हो जाएगी। मेरी सलाह है कि फिलहाल चुनिंदा स्टॉक्स में लांग सौदे कर सकते हैं क्योंकि बजट से पहले निफ्टी 5540 पर पहुंच सकता है।
डीलिस्टिंग की गुंजाइश वाली कंपनियों में अब घुसने का कोई फायदा नहीं क्योंकि इस संभावना के मद्देनजर इनके शेयर अब तक काफी बढ़ चुके हैं। फेयरफील्ड 45 से 143 रुपए, ओरैकल 1600 से 2700 रुपए और केन्नामेटल 600 से 1200 रुपए पर पहुंच चुका है। अब इन्हें उन लोगों के लिए छोड़ दीजिए जो जोखिम उठाना चाहते हैं। हां, आप शार्प इंडिया को ले सकते हैं जिसकी डीलिस्टिंग 80 रुपए पर हो सकती है। हो सकता है कि फेयरफील्ड की तरह इसका डीलिस्टिंग मूल्य 140 रुपए कर दिया जाए। मैंने आपको फेयरफील्ड 45 रुपए पर खरीदने को कहा था और अब आप उसका भाव खुद देख सकते हैं। शार्प इंडिया को हाथ से न जाने दें क्योंकि यह बाबा कल्याणी समूह की कंपनी है और इसमें आप चूक नहीं सकते। एफआईआई भी इस स्टॉक को पसंद करते हैं। शॉर्प इंडिया में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 80 फीसदी है और उसका शेयर फिलहाल 34 रुपए पर चल रहा है।
खराब बजट निफ्टी को वापस 4900 पर ले जा सकता है। यह अब ज्यादा दूर नहीं है क्योंकि हम 5300 पर तो पहुंच ही चुके हैं। लेकिन बाजार आपकी चाहत के हिसाब से नहीं चलता। बाजार पहले बढ़ेगा ताकि उस्ताद लोगों को निवेशकों को फांसने का एक और मौका मिल सके, ट्रेडरों से चूक हो जाए और वे कैश का अंतर पकड़कर मौज कर सकें।
पूंजी बाजार, खासकर डेरिवेटिव्स की असली परीक्षा केवल फिजिकल सेटलमेंट में होती है और इसके अभाव में आपको अपने यहां भारी ऊंच-नीच देखनी पड़ती है। मसलन, निफ्टी 4530 से 5700 तक चला गया। फिर वापस 5300 पर। इसके बाद यह फिर से 5550 तक जाएगा। फिर 4900 पर और फिर वापस कहीं 5800 के आसपास। इस ऊंचनीच का कोई इलाज नहीं है क्योंकि न तो सरकार और न ही नियामक या एक्सचेंजों की कोई दिलचस्पी इस गड़बड़ी को दूर करने में है।
दुखद सच यह है कि किसी भी क्षेत्र में श्रेष्ठता लोगों को घबराहट में पसीने-पसीने कर देती है।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं पड़ना चाहता। इसलिए अनाम है। वह अंदर की बातें आपके सामने रखता है। लेकिन उसमें बड़बोलापन हो सकता है। आपके निवेश फैसलों के लिए अर्थकाम किसी भी हाल में जिम्मेदार नहीं होगा। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का कॉलम है, जिसे हम यहां आपकी शिक्षा के लिए पेश कर रहे हैं)