उधर अण्णा हज़ारे ने चेतावनी दी कि अगर संसद के शीत सत्र में जन लोकपाल विधेयक को पारित नहीं कराया गया तो वे कांग्रेस के चुनाव खिलाफ प्रचार करेंगे, इधर कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने कह दिया कि सरकार संसद के शीतसत्र में यह विधेयक जरूर लाएगी। लेकिन उन्होंने कहा कि अगले चुनाव में क्या होना चाहिए, इस बारे में किसी की राय पर वह कोई प्रतिक्रिया व्यक्त करने नहीं जा रहे हैं।
कांग्रेस के खिलाफ चुनाव प्रचार पर अण्णा के बयान पर उनका कहना था, ‘‘यह उनका निर्णय है। हर नागरिक किसी को वोट देने के लिए स्वतंत्र है। कांग्रेस सिर्फ अपना काम करेगी। अपने कर्तव्य का निर्वाह करेगी और जब कर्तव्य पूरा हो जाएगा तो कांग्रेस फिर जनता के बीच जाएगी।’’ खुर्शीद ने कहा, ‘‘जनता फैसला करे। हमने कहा है कि अगले सत्र में हम न सिर्फ एक विधेयक (लोकपाल) ला रहे हैं बल्कि कई और विधेयक भी लाने वाले हैं।”
इससे पहले अण्णा हज़ारे से पुणे से करीब 50 किलोमीटर दूर अपने गांव राले रालेगन सिद्धि में आज, मंगलवार को संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, “यदि शीतकालीन सत्र में जन लोकपाल विधेयक पारित नहीं किया जाता तो मैं लोगों से कहूंगा कि वे अगले साल पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को वोट न दें।” उन्होंने घोषणा की कि वह 13 अक्टूबर पांच चुनावी राज्यों उत्तर प्रदेश उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर की यात्रा शुरू कर देंगे। इस अभियान की शुरुआत वे हरियाणा के हिसार लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से करेंगे। हिसार में 13 अक्तूबर को उपचुनाव है।
हज़ारे का कहना था कि अगर वे किसी वजह से हिसार का दौरा नहीं कर पाए तो लोगों को वीडियो संदेश भेजकर अपील करेंगे कि वे कांग्रेस को वोट नहीं दें क्योंकि वह जानबूझकर जन लोकपाल विधेयक नहीं ला रही है। उन्होंने कहा कि उन्हें जन लोकपाल विधेयक के समर्थन में बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी और अन्य पार्टियों की ओर से पत्र मिल गए हैं लेकिन कांग्रेस की ओर से कोई पत्र नहीं मिला है। हज़ारे ने कहा कि वे कांग्रेस से पत्र मिलने के लिए दो दिन इंतजार और करेंगे। यदि पार्टी पत्र नहीं भेजती है तो वे उसके खिलाफ प्रचार करेंगे। उन्होंने कहा कि वह लोगों से किसी खास उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने की अपील नहीं करेंगे बल्कि उनसे यह अपील करेंगे कि वे साफ छवि के उम्मीदवारों को वोट दें।
केंद्र से अपनी तीन मुख्य मांगों पर विचार किए जाने का आश्वासन मिलने पर रामलीला मैदान में अपने 12 दिन का अनशन समाप्त करने वाले हज़ारे ने स्पष्ट किया कि आनेवाले महीनों में उनका आंदोलन देश भर में तेज होगा। उन्होंने कहा कि यदि केंद्र संसद के शीतकालीन सत्र में जन लोकपाल विधेयक पारित नहीं करता तो वे उत्तर प्रदेश में चुनाव से तीन दिन पहले लखनऊ में अनशन करेंगे।