महाराष्ट्र में प्याज निर्यात एक राजनीतिक मुद्दा बनता जा रहा था। खासकर नासिक के किसान निर्यात पर प्रतिबंध का विरोध कर रहे थे। इससे डर कर केंद्र सरकार ने 11 दिनों के भीतर ही प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला वापस ले लिया है।
बता दें कि रिटेल बाजार में प्याज की कीमत 25 रुपए किलोग्राम पर पहुंचने के बाद सरकार ने इसी महीने 9 सितंबर को प्याज निर्यात पर रोक लगा दी थी। मंगलवार को खाद्य पदार्थों पर वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की अगुवाई वाले मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह (ईजीओएम) ने प्याज निर्यात से रोक हटाने का फैसला कर लिया। विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देखमुख ने बैठक के बाद संवाददाताओं को यह जानकारी दी।
इस बैठक में कृषि मंत्री शरद पवार और खाद्य व उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री के वी थॉमस भी शामिल हुए। देशमुख ने कहा कि प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) 475 डालर प्रति टन तय किया गया है। सरकार ने जिस समय निर्यात रोका था, उस समय भी इसका एमईपी यही था। उन्होंने कहा कि 15 दिन बाद स्थिति की फिर समीक्षा की जाएगी.
निर्यात पर प्रतिबंध के बाद जहां दिल्ली के थोक बाजार में प्याज के दाम दो से पांच रुपए किलो घट गए थे, वहीं इस फैसले का महाराष्ट्र और कर्नाटक के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में जमकर विरोध हुआ था। नासिक जिले और बंगलौर के आसपास के किसानों ने अपनी उपज को मंडियों में लाने से इनकार कर दिया था। समझा जाता है कि किसानों के विरोध के मद्देनजर ही सरकार ने सिर्फ 11 दिन बाद ही प्याज निर्यात से प्रतिबंध हटाने का फैसला किया है।