आज का दिन हमारी पूरी टीम के लिए सबसे ज्यादा तसल्ली का दिन रहा। हमने सुबह के नोट में निफ्टी में 5325 का लक्ष्य रखा था और यह पूरा हो गया। दरअसल, हम तो निफ्टी के 5316 अंक पर पहुंचने पर निकल गए। हम जानते थे कि 5320 के ऊपर पहुंचते ही शॉर्ट कवरिंग शुरू हो जाएगी, लेकिन गारंटी नहीं थी कि यह स्थिति कब तक रहेगी। फिर 2 बजकर 55 मिनट पर ग्रीस पर चढे कर्ज का मसला आ गया और जैसा कि होना ही था कि बाजार को करेक्शन का बहाना मिल गया।
जब भी रोलओवर हो रहा होता है, कुछ न कुछ ऐसा हो ही जाता है। आज रोलओवर का महज दूसरा दिन था। अब हमें अगले पांच दिनों तक बाजार में उतार-चढ़ाव देखना है। हालांकि रुझान ऊपर का ही रहेगा, लेकिन ऊपर-नीचे होने का सिलसिला बहुत तेज होगा। ट्रेडिंग में इसका इस्तेमाल चालाकी व समझदारी से करें। जब भी बाजार गोता लगाए, खरीद लें और जब ऊपर जाए तो बेचकर निकल लें।
लग रहा है कि कोरिया को विकसित देश मान लिया जाएगा और ऐसा होने पर वह खुद-ब-खुद एमएससी इंडेक्स से बाहर निकल जाएगा। नतीजतन, भारत और चीन को एमएससी इंडेक्स में बड़ा हिस्सा मिल जाएगा। इसलिए विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) इन दोनों में जबदस्त खरीद करेंगे। दरअसल, इस बात ने भारत को विदेशी निवेश का बेहद आकर्षक ठिकाना बना दिया है और अब निफ्टी के लिए नया लक्ष्य 7000 अंकों का हो गया है।
ऐसा अब हो रहा है। मैंने तो इसका अंदाजा दिसंबर 2009 में ही लगा लिया था। मैं कोई भविष्यवक्ता या ज्योतिषी नहीं हूं। लेकिन मैं हालात के बीच की चीजें देख लेता हूं, सतह के नीचे चल रही हलचलों को महसूस कर लेता हूं और मैं चाहता हं कि आप भी यह हुनर सीख लें।
अच्छा मानसून, अधिक जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) और अब एमएससी इंडेक्स में भारत की अधिक तवज्जो ने इसे निवेश का मजबूत ठिकाना बना दिया है। मेरे लिए तो इसकी एक और वजह है जो कोई दूसरा इस समय नहीं देख पा रहा है। भारत को पहले राजनीतिक अक्षमता का शिकार माना जाता था। लेकिन अब सराकारी कंपनियों के शेयर बेचने के रूप में 40,000 करोड़ रुपए के ज्यादा के विनिवेश और 3 जी स्पेक्ट्रम से मिलनेवाली 45,000 करोड़ रुपए के अधिक की रकम ने इस मान्यता को तोड़ दिया है। रुपया 3 जी से मिले पैसों के चलते उठेगा और इसलिए बाजार में धन का आगम भी बढ़ेगा। थोड़े में बोलूं तो भारत की कहानी नए सिरे से गढ़ने की जरूरत है।
तारीफ और तालियां पाने के लिए नहीं, किसी बड़े मकसद के लिए काम करें। अपने होने का अहसास कराने में क्या रखा है! असली बात तो यह है कि आप के न होने पर लोगों को आपकी कमी खले।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है । लेकिन फालतू के वैधानिक लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)