शेयर बाजार की निगाह इस हफ्ते गुरुवार 16 जून को पेश होनेवाली रिजर्व बैंक मध्य तिमाही समीक्षा पर टिकी रहेगी। लेकिन इससे पहले दो दिन भी काफी अहम हैं। इसलिए हफ्ते के शुरू में कारोबार फीका रह सकता है। निवेशकों को मई के मुद्रास्फीति के आंकड़ों का भी इंतजार होगा जो मंगलवार, 14 जून को जारी किया जाएगा।
वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु का अनुमान है कि मई में मुद्रास्फीति की दर 8.6 फीसदी रह सकती है। इससे पहले अप्रैल माह में यह 8.66 फीसदी रही है। इसके अलावा अगले दिन बुधवार 15 जून को एडवांस टैक्स के आंकड़े आने हैं। इन्हें भी बाजार बड़ी गंभीरता से देखेगा क्योंकि इनसे पहली तिमाही में कपनियों के मुनाफे का अंदाजा लगता है।
बाजार के जानकारों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से बाजार में गतिविधियां सुस्त रही हैं और प्रमुख सूचकांक एक सीमित दायरे में उपर नीचे हो रहे हैं। अप्रैल की औद्योगिक वृद्ध दर में नरमी और खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति के बढ़ने से आने वाले दिनों में कारोबारी धारणा प्रभावित हो सकती है।
इंडिया इनफोलाइन के रिसर्च प्रमुख अमर अंबानी ने कहा, “भारतीय रिजर्व बैंक 16 जून को नीतिगत दरों में चौथाई फीसदी की वृद्धि कर सकता है क्योंकि मुद्रास्फीति में तेजी बनी हुई है।” ब्याज दरों में वृद्धि का कारोबार की लागत पर प्रतिकूल असर पड़ता है। ऐसे में शेयर बाजार पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।