देश के सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंज बीएसई का मुख्य धंधा शेयरों, डिबेंचरों व अन्य प्रतिभूतियों की ट्रेडिंग कराना है। लेकिन उसकी आमदनी का बड़ा हिस्सा निवेश व डिपॉजिट से आता है। बुधवार को घोषित नतीजों के अनुसार 31 मार्च 2011 को समाप्त वित्त वर्ष में बीएसई की कुल आमदनी 538.03 करोड़ रही है। इसमें से 227.39 करोड़ रुपए यानी 42.26 फीसदी हिस्सा निवेश व डिपॉजिट से आया है। प्रतिभूति सेवाओं से हुई उसकी आय 179.73 करोड़ रुपए यानी 33.41 फीसदी ही रही है।
पिछले वित्त वर्ष 2009-10 में बीएसई की कुल आमदनी 485.21 करोड़ रुपए का 50.64 फीसदी (245.72 करोड़) निवेश व डिपॉजिट से आया था, जबकि प्रतिभूति सेवाओं से हुई आमदनी 27.71 फीसदी (134.44 करोड़) थी। वित्त वर्ष 2010-11 में बीएसई का कर-पूर्व लाभ 231.73 करोड़ रुपए है जो पिछले वित्त वर्ष 2009-1 के कर-पूर्व लाभ 212.94 करोड़ रुपए से 8.8 फीसदी अधिक है। हालांकि एक्सचेंज ने कहा है कि इन दोनों वित्त वर्ष के आंकड़ों की तुलना नहीं की जा सकती क्योंकि 2010-11 में पहली बार उसकी बैलेंस शीट का सुदृढ़ीकरण किया गया है।
बीएसई के सालाना नतीजों को बुधवार को निदेशक बोर्ड की बैठक में मंजूरी दे दी गई। माना जा रहा था कि एक्सचेंज सुदृढ़ीकरण के तहत अपने एक रुपए अंकित मूल्य क शेयर को दो रुपए के शेयर में बदल देगा। लेकिन ऐसी कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिल सकी है। इस समय एक रुपए अंकित मूल्य के शेयर पर बीएसई का ईपीएस (प्रति शेयर शुद्ध लाभ) 19.05 रुपए है, जबकि साल भर पहले यह 18.30 रुपए था। यह भी चर्चा है कि बीएसई लिस्टिंग के लिए अपना आईपीओ करीब 250 रुपए प्रति शेयर के मूल्य पर ला सकता है।