यूरो ज़ोन के देशों के वित्त मंत्रियों ने ग्रीस के उद्धार के लिए तीन शर्तें लगा दी हैं। गुरुवार को ब्रसेल्स में ग्रीस के वित्त मंत्री के साथ यूरो ज़ोन के बाकी 16 देशों के वित्त मंत्रियों की बैठक में तय किया गया है कि इन शर्तों को पूरा करने पर ही ग्रीस को आर्थिक संकट से उबरने लिए 130 अरब यूरो (170 अरब डॉलर) की आर्थिक मदद मिलेगी। लेकिन इसके विरोध में ग्रीस की यूनियनों से आज, शुक्रवार से राष्ट्रव्यापी हड़ताल शुरू कर दी है।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे लक्ज़मबर्ग के प्रधानमंत्री ज्यां क्ला जंकर ने कहा कि रविवार तक ग्रीस को 130 अरब यूरो के राहत पैकेज को अपनी संसद के साथ ही यूरोपीय केंद्रीय बैंक, यूरोपीय आयोग और आईएमएफ से स्वीकार करवा लेना होगा। दूसरे, उसे वर्ष 2012 में अपने बजट में 32.5 करोड़ यूरो की कटौती करनी होगी। तीसरे, इतना ही नहीं, ग्रीस के नेताओं को इस बात का भी पक्का आश्वासन देना होगा कि वे अप्रैल में होनेवाले चुनाव के बाद भी समझौते की शर्तों का पालन करेंगे। इन तीनों शर्तों पर उसे बुधवार तक फैसला कर लेना है कि क्योंकि यूरो ज़ोन के वित्त मंत्री अगले बुधवार को फिर बैठक करेंगे। ग्रीस की संसद को इससे पहले ख़र्चों में कटौती की योजना को मंज़ूरी देनी होगी।
जंकर ने कहा, ”आगामी आम चुनावों के बाद भी योजना का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए ये सभी उपाए महत्वपूर्ण हैं। इससे पहले कि हम फ़ैसला लें, इन तीन बातों, जिनका मैंने उल्लेख किया है, पर अमल होना ज़रूरी है।”
ब्रसेल्स की इस बैठक में जर्मनी के वित्त मंत्री वॉल्फ़गेंग ने कहा कि बातचीत के कई दिन बाद ग्रीस का कमज़ोर गठबंधन जिस योजना पर राज़ी हुआ, वो इस स्थिति में नहीं है कि जिस पर दस्तख़त किए जा सकें। नई शर्तों की घोषणा होने से पहले ही इन उपायों के विरोध में ग्रीस में यूनियनों ने शुक्रवार से 48 घंटों की हड़ताल का आह्वान किया है।
बता दें कि ग्रीस गहरे आर्थिक संकट में फंसा हुआ है। वहां बेरोज़गारी अपने चरम पर है। वहां की यूनियनें पहले ही कह चुकी हैं कि वो ख़र्चों में कटौती के नए उपायों के विरोध में हड़ताल करेंगी। उन्होंने इन उपायों को बेहद तकलीफदेह बताया है और कहा कि इनसे ग़रीबी बढ़ेगी।