सिर्फ बाजार भाव से नहीं पता चलता है कि कोई शेयर सस्ता है या नहीं। भाव बढ़ जाने के बावजूद वह सस्ता हो सकता है या महंगा। इसका पता इससे चलता है कि उसके मूल्यांकन का स्तर क्या है। और, मूल्यांकन का पैमाना है पी/ई अनुपात। यानी, बाजार भाव को उसके सालाना ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) से भाग देने पर निकला अनुपात। आप कहेंगे कि यह तो अलग-अलग कंपनियों की बात हुई। कंपनियों के किसी सेट का पी/ई अनुपात कैसे निकलता है? मसलन, सेंसेक्स का पी/ई अनुपात कैसे निकाला जाएगा? तो, यह सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियों के आंकड़ों को सूचकांक में उनके भार के हिसाब से शामिल कर निकाला जाता है। खैर, इसका विवरण आप बीएसई की साइट से जान सकते हैं।
यहां हम सेंसेक्स और उनमें शामिल स्टॉक्स के मूल्यांकन का जायजा ले रहे हैं। सेंसेक्स पिछले साल भर में 10.78 फीसदी बढ़ा है। लेकिन उसका पी/ई अनुपात कमोबेश स्थिर है। 23 अप्रैल 2010 को सेंसेक्स 17,694.20 पर था और उस समय उसका पी/ई अनुपात 21.23 था। अभी 21 अप्रैल 2011 को सेंसेक्स बंद हुआ है 19602.23 पर और उसका पी/ई अनुपात है 21.16 यानी इस दौरान बढ़ने के बावजूद सेंसेक्स थोड़ा सस्ता हुआ है।
सेंसेक्स के भीतर उतरें तो नीचे दी गई सारिणी से आप देख सकते हैं कि इस समय सेंसेक्स शामिल 30 कंपनियों में सबसे महंगा शेयर है जेपी एसोसिएट्स का जो 49.2 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। जबकि सेंसेक्स का सबसे सस्ता शेयर है टाटा स्टील जो अभी 8.3 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। यूं तो पी/ई अनुपात का कम होना बता देता है कि शेयर बाजार उसे सही भाव नहीं दे रहा है और उसका मूल्यांकन आकर्षक है। लेकिन निवेश का आधार सिर्फ पी/ई अनुपात ही नहीं हो सकता।
जैसे, इस समय सेंसेक्स में शामिल रिलांयस अनिल धीरूभाई अंबानी की दोनों कंपनियों का पी/ई अनुपात आकर्षक है। रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) का शेयर अभी 9.4 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है, जबकि रिलायंस इंफ्रा 11.6 के पी/ई अनुपात पर। लेकिन 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में जिस तरह इस समूह के तीन बड़े अधिकारियों को तिहाड़ जेल में डाला गया है, उसे देखते हुए आम निवेशकों के लिए अभी इनसे दूर रहना ही मुनासिब होगा। कहने का सार यह है कि पी/ई अनुपात कम होना निवेश के लिए जरूरी शर्त तो है, लेकिन पर्याप्त नहीं। हालांकि ज्यादा पी/ई अनुपात के बावजूद कभी-कभी कोई कंपनी निवेश पर अच्छा रिटर्न दे सकती है। इसीलिए हमें निवेश के पहले कंपनी के वर्तमान व अतीत के साथ-साथ भविष्य का भी अंदाज लगाना पड़ता है।
यह सब बाद की बातें हैं। अभी अगर हम सेंसेक्स में शामिल शेयरों की मौजूदा स्थिति पर निगाह डालें तो 30 में से 13 शेयर ऐसे हैं जो सेंसेक्स के औसत पी/ई अनुपात 21.16 से कम स्तर पर ट्रेड हो रहे हैं। ये स्टॉक्स हैं – ओएनजीसी (14.3), एसबीआई (14.7), एनटीपीसी (18.5), टाटा मोटर्स (9.0), जिंदल स्टील (17.2), टाटा स्टील (8.3), स्टरलाइट इंडस्ट्रीज (13.3), हिंडाल्को (10.9), मारुति सुजुकी (15.0), हीरो होंडा (17.1), टाटा पावर (13.3), आरकॉम (9.4) और रिलायंस इंफ्रा (11.6)। इनमें से किन में निवेश करना मुफीद होगा, यह आप तय कर सकते हैं। मेरे लिहाज से ओएनजीसी, एसबीआई, हिंडाल्को, एनटीपीसी व मारुति सुजुकी में किया गया भविष्य में सुरक्षित व अच्छा रिटर्न दे सकता है।
इसके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज (20.5), भारती एयरटेल (21.2), विप्रो (22.2), बीएचईएल (24.4), महिंद्रा एंड महिंद्रा (21.0) और सिप्ला (24.4) पी/ई अनुपात के लिहाज से सेंसेक्स से थोड़ा आगे-पीछे चल रहे हैं। इसलिए इन पर भी गौर किया जा सकता है। हालांकि इनफोसिस का शेयर अभी 26.7 और टीसीएस का 25.7 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। फिर भी इनमें निवेश फलदायी हो सकता है। बाकी जिनके नाम भी नीचे की सारिणी में लाल रंग में दिख रहे हैं, उनसे फिलहाल दूर की रहना चाहिए। बाकी आपकी मर्जी और आपकी सोच।
अंत में बस इतनी बात कि सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियां और निफ्टी में इनसे अलग शामिल 20 कंपनियां (कुल 50 कंपनियां) हमारे शेयर बाजार का मुकुट हैं। अगर आपको शेयर बाजार में निवेश करना है तो कम से कम इन 50 कंपनियों के बारे में आपको पता कर ही लेना चाहिए। इनके इतिहास, भूगोल और वर्तमान से लेकर इनके भावी विकास का ग्राफ क्या कह रहा है, यह जानकारी आपको होनी ही चाहिए। इनमें से किसका सितारा डूब रहा है और किसकी चमक बढ़ती जाएगी, इसका अंदाजा भी आपको होना चाहिए।
कंपनी | बंद भाव (21/04/2011) (रुपए) | बाजार पूंजीकरण (करोड़ रुपए) | पी/ई अनुपात |
रिलायंस | 1,039.95 | 3,40,428 | 20.5 |
ओएनजीसी | 304.20 | 2,60,258 | 14.3 |
टीसीएस | 1191.65 | 2,33,230 | 25.7 |
एसबीआई | 2860.35 | 1,81,629 | 14.7 |
इनफोसिस | 2909.25 | 1,67,032 | 26.7 |
एनटीपीसी | 186.90 | 1,54,108 | 18.5 |
आईटीसी | 190.10 | 1,47,101 | 41.5 |
भारती एयरटेल | 376.60 | 1,43,015 | 21.2 |
आईसीआईसीआई बैंक | 1117.25 | 1,28,370 | 29.3 |
विप्रो | 463.20 | 1,13,690 | 22.2 |
एचडीएफसी बैंक | 2403.80 | 1,11,830 | 28.0 |
एचडीएफसी | 731.90 | 1,07,362 | 35.2 |
लार्सन एंड टुब्रो | 1703.90 | 1,03,870 | 27.9 |
बीएचईएल | 2057.50 | 1,00,719 | 24.4 |
टाटा मोटर्स | 1243.85 | 78,812 | 9.0 |
जिंदल स्टील | 693.70 | 64,826 | 17.2 |
हिंदुस्तान यूनिलीवर | 288.80 | 63,900 | 34.5 |
टाटा स्टील | 628.75 | 60,310 | 8.3 |
स्टरलाइट इंडस्ट्रीज | 178.55 | 60,021 | 13.3 |
महिंद्रा एंड महिंद्रा | 766.15 | 47,037 | 21.0 |
बजाज ऑटो | 1463.45 | 42,346 | 26.8 |
हिंडाल्को | 220.25 | 42,167 | 10.9 |
डीएलएफ | 247.05 | 41,937 | 24.4 |
मारुति सुजुकी | 1306.60 | 37,750 | 15.0 |
हीरो होंडा | 1786.05 | 35,667 | 17.1 |
टाटा पावर | 1330.55 | 31,575 | 13.3 |
सिप्ला | 321.20 | 25,789 | 24.4 |
रिलायंस कम्युनिकेशंस | 106.30 | 21,941 | 9.4 |
जेपी एसोसिएट्स | 101.70 | 21,626 | 49.2 |
रिलायंस इंफ्रा | 696.00 | 18,612 | 11.6 |
बीसई सेंसेक्स | 19602.23 | 29,73,382.40 | 21.16 |
गुरु जी, आपके जनून को प्रणाम…..