विश्व बैंक ने भारत में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका परियोजना (एनआरएलपी) के लिए एक अरब डॉलर (करीब 4500 करोड़ रुपए) का ऋण मंजूर किया है। विश्व बैंक का कहना है कि इस राशि से हाल ही में शुरू हुए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन पर अमल ज्यादा अच्छी तरह से हो सकेगा।
यह मिशन दुनिया में सबसे बड़े गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों में से एक है। करीब 7.7 अरब डॉलर के इस मिशन का लाभ लगभग 35 करोड़ लोगों को मिलेगा जो भारत की कुल आबादी का एक तिहाई हिस्सा हैं। वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलात विभाग की संयुक्त सचिव वेणु राजमणि के मुताबिक इस मिशन की सफलता से भारत भविष्य में कुछ महत्वपूर्ण सहस्राब्दि विकास लक्ष्यों के और करीब पहुंच सकेगा। उन्होंने कहा कि यह मिशन गरीबी उन्मूलन के सभी प्रयासों को एक ही मंच पर लाने में महती भूमिका निभा सकता है।
विश्व बैंक ने ग्रामीण आजीविका परियोजना को 5 जुलाई, मंगलवार को मंजूरी दी और कहा कि इससे पूर्ववर्ती आजीविका कार्यक्रमों की सफलता को आगे बढाने में मदद मिलेगी। विश्व बैंक ने आंध्र प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तमिलनाडु में आजीविका परियोजनाओं को मदद की है। बैंक में भारत का कामकाज देख रहे निदेशक रोबर्तो जाघा ने कहा, “आने वाले दशकों में ग्रामीण भारत बड़ी भूमिका निभाता रहेगा और ऐसी परियेाजनाओं से देश के भावी मानव संसाधन को आकार देने में मदद मिलेगी।”