शुक्रवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी सूचकांक 5000 का स्तर छूने के बाद आखिरी दस मिनट में 4950 से नीचे आ गया। यह वो स्तर था जहां मंदी की फितरत वाले कारोबारियों या मंदड़ियों को काफी हद तक यकीन था कि बिक्री के करार के सौदों को पूरा करने के लिए उन्हें खरीद की जरूरत नहीं है यानी वे शॉर्ट रह सकते हैं। महज एक मजा हुआ चालाक खिलाड़ी ऐसा था जो 4950 के ऊपर भी निफ्टी में शॉर्ट रहा। वैसे भी वह कारोबार की दिशा पलटने का उस्ताद माना जाता है। आज उसकी महारत काम आई, जबकि दूसरे हाथ मलते रह गए। आज निफ्टी 4990 पर खुला और ट्रेडिंग के तीन चौथाई से ज्यादा समय के दौरान यह इसी स्तर के आसपास रहा। मंदडियों ने पुरजोर कोशिश की कि बाजार की लय टूट जाए और निफ्टी 4950 के नीचे चला जाए, लेकिन वे बुरी तरह नाकाम रहे।
बाजार के आखिरी घंटे में उम्मीद के अनुरूप निफ्टी में बढ़त जारी रही और वह 5033 पर बंद हुआ। मंदड़ियों की हालत खराब है। उन्हें फिलहाल सौदे काटने की कोई सूरत नहीं नजर आ रही है। निफ्टी कल 5100 पर खुल सकता है क्योंकि माहौल खरीद का है। तेजड़िये खरीद की तैयारी में हैं। इस दौरान फंड्स ने अपनी स्थिति मजबूत की है। उनकी कोशिश यह रही कि शेयर इतना ही बढ़ें कि मंदड़ियों की गफलत न टूटे। उन्होंने टाटा मोटर्स, हिंडाल्को, एसीसी, ग्रासिम, लार्सन एंड टुब्रो, टिस्को व क्रॉम्प्टन जैसे स्टॉक्स में ही खरीद बढ़ाई और आईडीबीआई, सेंचुरी, आईएफसीआई, जेपी, एचडीआईएल, आइडिया, भारती और एस्सार जैसे शेयरों को कल के लिए छोड़ दिया। ऐसे तमाम शेयर कल तेजी की राह पर होंगे और निफ्टी जल्दी ही 5200 से 5300 अंक तक पहुंच सकता है।
ऐसा कोई नहीं है जो आम बजट की दिशा से संतुष्ट न हो। हालांकि अब भी चंद विघ्नसंतोषी हैं जो बजट में दोष निकालने में जुटे हुए हैं। इन लोगों की अभी बाजार में शिरकत नहीं है और इसलिए ये चाहेंगे कि बाजार में कुछ करेक्शन आए, मतलब गिरावट हो। बाकी खिलाड़ी अब एक बार फिर ग्लोबल संकेतों की बात करने लगे हैं क्योंकि उन्हें बात करने के लिए कुछ तो चाहिए। मुझे इसमें कोई दम नहीं लगता, इसलिए दूसरी बातें करते हैं क्योंकि विकास के चलते कंपनियों की आय भी शानदार रहनेवाली है। हम ऐसा स्टील व सीमेंट के शेयरों में देख चुके हैं जिन्हें सीएनआई ने अपनी पहली रिपोर्ट में चिह्नित किया था। स्पष्ट था कि इंफ्रास्ट्रक्चर पर 1.73 लाख करोड़ रुपए के खर्च का अधिकतम हिस्सा सीमेंट और स्टील में जाएगा। टिस्को और एसीसी में चमक आ चुकी है और अब इस्पात इंडस्ट्रीज की बारी है। स्टील की मांग बहुत तेजी से बढ़ रही है और इस तिमाही में इस्पात अब तक के सबसे अच्छे नतीजे घोषित कर सकती है। रतन टाटा तक को यकीन है कि टिस्को का शेयर 2000 रुपए तक जाएगा और कंपनी कोरस जैसे कुछ और अधिग्रहण कर सकती है। इस्पात को सफेद हाथी और धीमी चाल वाला माना जाता है। लेकिन किसी दिन यह स्टॉक भारी-भरकम रिटर्न देकर जाएगा।
इसी तरह प्रत्यक्ष करों में 26,000 करोड़ रुपए की कमी से बचा धन घरेलू खपत को ही बढ़ाएगा। साल में 8 लाख रुपए कमानेवाला हर शख्स 56,000 रुपए बचाएगा और स्वाभाविक तौर पर इस बचत को घर के काम पर खर्च करेगा। इससे सबसे ज्यादा फायदा सेरा और विमप्लास्ट जैसी कंपनियों को होगा। ज्यादा अतिरिक्त आय का असर जीवन स्तर के बेहतर होने के रूप में सामने आता है और लोगबाग सफाई से लेकर साज-सज्जा पर अधिक खर्च करते हैं। विमप्लास्ट के पास सेलो जैसे कई ब्रांड हैं जिनकी बिक्री बजट के प्रभाव से बढ़ सकती है। इसी तरह एयरपोर्ट व होटलों जैसे नए इंफ्रास्ट्रक्चर कांटैक्ट से सेरा के धंधे की चमक बढ़ जाएगी, जबकि उच्च शिक्षा पर आवंटन बढ़ने का खूब फायदा विमप्लास्ट को मिलेगा। ये दोनों ही कंपनियां ऋण-मुक्त हैं और इनके शेयरों के मौजूदा भाव अपनी समकक्ष कंपनियों की तुलना में कम हैं। इसलिए इनमें निवेश करने में कोई जोखिम नहीं है।
बजट प्रावधानों से ऑटो और ऑटो कंपोनेंट सेक्टर को काफी सहारा मिलेगा। बल्कि कंपोनेंट सेक्टर तो मुझे लगता है कि 2010 का खास आकर्षण रहेगा। इसमें भी एनआर बियरिंग और एसएनएल मुझे संभावनामय शेयर लगते हैं। दूसरे एसएनएल में आईसीआईसीआई की होल्डिंग अब बिक गई जिसके चलते इसका फ्लोटिंग स्टॉक यानी ट्रेडिंग के लिए मुक्त शेयरों की संख्या काफी कम रह गई है।
जहां तक वैश्विक संकट की बात है तो मुझे यकीन है कि हमारे नीति-निर्माता हम से बेहतर जानते हैं और असल में एनालिस्ट समुदाय नाहक ही नीति-निर्माताओं से अधिक जानने-समझने का दावा करता है और उनके द्वारा बाजार को डाउनग्रेड करने का कोई मतलब नहीं है। ऐसा आप बजट से जुड़ी भविष्यवाणियों के बारे में देख चुके हैं। निफ्टी 4650 से सुधरकर 5033 तक पहुंच चुका है और 5300 तक पहुंचने के करीब है। लेकिन ज्यादा खिलाड़ी या तो शॉर्ट हैं या उनके पास शेयर ही नहीं हैं। मैं तो पूछना चाहता हूं कि चार्ट बनानेवाले वे टेक्निकल एनालिस्ट कहां हैं इस समय जो निफ्टी के 3800 पर जाने का अनुमान लगा रहे थे? कहने का मतलब यह है कि कंपनी के बारे में मैनेजिंग डायरेक्टर और देश के बारे में वित्त मंत्री से ज्यादा जानकार होने की दंभ खोखला होता है। आप कितना भी जानते हों, लेकिन आप उनसे बीस नहीं हो सकते।
जल्दी ही बाजार में रिटेल और अमीर निवेशकों (एचएनआई) का आना शुरू होगा और इससे बाजार नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा। कारोबार की मात्रा बढ़ेगी। मार्च में रिटेल निवेशकों को उधार की सहूलियत नहीं मिलेगी, जबकि बाजार के ऑपरेटरों को कोई दिक्कत नहीं होगी। बाकी आप जानते ही हैं। जब आपको 1 अप्रैल 2010 से नई फंडिंग मिलनी शुरू होगी, तब तक तो शेयर बाजार नई पेंग भर चुका होगा।
भरपूर खुशी तब मिलती है जब आप अपनी क्षमता और खासियत का भरपूर इस्तेमाल करते हैं।
(चमत्कार चक्री एक काल्पनिक नाम है। इस कॉलम को लिखनेवाला खुद को अनाम रखना चाहता है। हालांकि वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के वैधानिक लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। अंदर की बात बताना और सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)
चमत्कार चक्री जी आपका विश्लेषण अच्छा है, भाषा सधी हुई सटीक और पूरी इनसाइडर जानकारी युक्त. लोगबाग आपकी सांकेतिक निशानों वाली बातें पकड़ कर बाजार में कमाई कर सकते हैं.