बाजार ने आज सुबह से ही धमाचौकड़ी दिखाई। बीएसई सेनसेक्स 310.54 अंक (1.76 फीसदी) और एनएसई निफ्टी 92.90 अंक (1.75 फीसदी) गिरकर बंद हुए। सच कहूं तो बाजार के इस रवैये को देखकर मुझे जरा-सा भी अचंभा नहीं हुआ। मेरा मानना है कि न तो पुर्तगाल और न ही ग्रीस का कोई असर भारतीय बाजार पर पड़नेवाला है। बल्कि यूरोप, चीन, अमेरिका या कोरिया में जो भी गड़बड़ होगी, वह भारत के फायदे में है।
मेरे इस तरह आशावादी होने का आधार यह भी है कि इस तरह की सारी खतरनाक खबरें या अफवाहें उसी समय बाजार गिराने में इस्तेमाल की जाती हैं जब रोलओवर चल रहा होता है।
अगले हफ्ते से कारोबार सामान्य हो जाएगा। जिन्होंने उधार लेकर बाजार में पैसे नहीं लगाए हैं, उन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हां, उधार पर निवेश करनेवालों को जरूरत मुसीबत झेलनी पड़ेगी क्योंकि ब्रोकरों का पहला गुस्सा उन्हीं पर निकलता है।
आज के तेज उतार-चढ़ाव में जिस दूसरी चीज का योगदान रहा, वह यह है कि पिछले कुछ दिनों में डेरिवेटिव सौदों में काफी इजाफा हुआ है। इस तरह के उतार-चढ़ाव के माहौल में निफ्टी अगर 50 अंक भी गिरता है तो मार्जिन कॉल शुरू हो जाती है।
हमारे ताजा अध्ययन के मुताबिक मिड कैप और स्मॉल कैप शेयरों ने दिसंबर से मार्च की तिमाही में 11 फीसदी रिटर्न दिया है, जबकि इस दौरान सेनसेक्स का रिटर्न 0.34 फीसदी रहा है। इस अध्ययन से यह भी सामने आया है कि 142 कंपनियां ऐसी हैं जिनमें एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की शुरुआत कर दी है, लेकिन उनके शेयर भावों में ज्यादा बढ़त नहीं हुई है।
यह भारत के विकास की गाथा है। यह आप पर है कि आप इसे मानें या नहीं। कोई बाध्यता, कोई दबाव नहीं है आप पर।
शाप उस तरोताजा चिकन की तरह होते हैं, जिन्हें हमेशा घर इसीलिए लाया जाता है ताकि उन्हें भूनकर हजम कर लिया जाए।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है । लेकिन फालतू के वैधानिक लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)