आप में और मुझ में क्या अंतर है? मैं जो हो रहा है, उसे देखता हूं, समझता हूं और उसके हिसाब से सलाह देता हूं, जबकि आप सलाह मिलने के बाद भी वही करते हैं जो स्क्रीन बताता है। थोड़े में कहूं तो आपको अपने ही ऊपर भरोसा नहीं है। जब बाजार 300 अंक गिर गया तो आप निचले भावों पर खरीद के बजाय बाजार के दबाव में आ गए और घाटा खाकर भी शेयर बेच डाले।
आप ही देखिए कि जिन शेयरों के बारे में मैने कल कहा था कि वे फिजिकल सेटलमेंट न होने का शिकार हो गए, उनमें से इंडिया सीमेट व टाटा स्टील को छोड़कर बाकी सभी स्टॉक 5 फीसदी के आसपास बढ़ गए। ये दो शेयर भी आज जब गिर रहे थे, तब उन्हें खरीद लेना चाहिए था क्योंकि अगली बढ़त का नंबर इनका ही है।
आज जो शेयर खाख चमके, उन्हें हमने पहले ही देख लिया था। आईबी रीयल्टी 8 फीसदी बढ़कर 172 रुपए पर पहुंच गया। हमने इसे कल 160 रुपए के भाव पर खरीदने को कहा था। इसके बाद आईएफसीआई और आईडीबीआई को लेते हैं। दोनों ही 5 फीसदी से ज्यादा बढ़े हैं। इन्हें भी कल हमने खरीदने को कहा था। आईबी फाइनेंस आईबी रीयल्टी की राह पर चला है। और, आखिरी लेकिन अहम बात। यूनाइटेड फॉस्फोरस की सिफारिश आज ही हमने की और वह 15 फीसदी बढ़ गया।
इन सब शेयरों के बारे में हम आपको बताते रहते हैं। लेकिन आप जानते ही नहीं कि आपको क्या और क्यों खरीदना है! ऐसे में लगता है कि हमें बहुत सारी सूचनाएं एफआईआई डेस्क तक ही सीमित रखनी चाहिए। हम आपको कुछ हिंट देने की कोशिश करते रहते हैं, लेकिन हम जानते हैं कि यह बातें आप एक कान से सुनकर दूसरे कान से बाहर निकाल देते हैं। खैर, नफा-नुकसान तो आपको होना है।
बाजार (निफ्टी) जून अंत तक 5700 अंक की तरफ बढ़ रहा है। दूसरे लोगों को जो चाहे कहने दीजिए। बाजार के सटीक अनुमान के बारे में हम खुद को सही साबित कर चुके हैं। और, हम जो कहते हैं, उस पर कायम रहते हैं।
हम अपनी कल्पना में जो गढ़ते हैं, हमारी जिंदगी के हालात उसी अंदाज में ढलते चले जाते हैं।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है । लेकिन फालतू के वैधानिक लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)