बाजार का रुख आज अच्छा और स्थिर रहा क्योंकि वित्त वर्ष के अंत में अब बस दो दिन ही बचे हैं। बाजार का रुख तय करने में कुछ हद तक एनएवी (शुद्ध आस्ति मूल्य) के दबाव की भी भूमिका है।
दुनिया के बाजार भी स्थिर हैं। मेरा मानना है कि इस अप्रैल में ब्याज दरें बढ़ाए जाने की कोई संभावना नहीं है। फिर भी असल में क्या होता, इसे बता पाना किसे के लिए संभव नहीं है। अर्थव्यवस्था तेज रफ्तार से बढ़ रही है। अब इसके पीछे हटने का सवाल ही नहीं उठता। चौथी तिमाही के कॉरपोरेट नतीजे शानदार-जानदार रहेंगे। इससे समूचे बाजार का नजरिया नया स्वरूप अख्तियार करेगा। लेकिन इसी के साथ हमें स्वीकार करना पड़ेगा कि निवेशकों का नजरिया अभी तक बदला नहीं है। वे अब भी मौके का फायदा उठाने को तैयार नहीं हैं। वे तो बाजार में तभी खरीद करेंगे जब वहां पूरी तेजी आ चुकी होगी।
कल से बी ग्रुप के शेयरों में की गई हर खरीद नए सेटलमेंट में आ जाएगी जिसके लिए नई व ताजा फंडिंग मिल रही है। इसलिए हम बी ग्रुप के शेयरों में बड़े पैमाने पर नई खरीद देख सकते हैं। आज सुबह सीएनआई ने अपने नोट में कहा था कि रुपए में आई भारी मजबूती से चालू तिमाही ही नहीं, पूरे साल में मेटल उद्योग के अधिकांश शेयरों को फायदा मिलेगा। इसके बाद तो दिन भर मेटल कंपनियों के शेयरों में जैसे आग-सी लगी रही। पिछले साल रुपए की कमजोरी की वजह से हमने कुछ नुकसान देखा था। लेकिन इस साल मामला उल्टा चल रहा है। इसका असर सॉफ्टवेयर कंपनियों पर भी पड़ेगा।
इस्पात इंडस्ट्रीज ने सितंबर तिमाही में वित्त वर्ष 2008-09 का 350 करोड़ रुपए का घाटा बट्टेखाते में डाला था। वह रुपए की मजबूती से सबसे ज्यादा फायदा हासिल करनेवाली कंपनियों में से एक हो सकती है। स्टील उद्योग में भरपूर क्षमता पर उत्पादन और खपत चल रही है। इसलिए इस्पात इंडस्ट्रीज शानदार ईपीएस (प्रति शेयर शुद्ध लाभ) दर्ज कर सकती है। बाजार के ऑपरेटर इसका दाम कब तक दबा कर रखेंगे, यह एक बड़ा सवाल है। लेकिन मेरी राय में इसका आगे बढ़ना तय है। इस पर दांव लगाना काफी फायदे का सौदा रहेगा।
असल में शेयर बाजार धारणा और यकीन पर चलता है। जब मैं टाटा मोटर्स को 130 रुपए और टाटा स्टील को 150 रुपए पर खरीदने की सिफारिश कर रहा था, तब किसी में इन्हें खरीदने का साहस नहीं था। हम अब इनमें भारी बढ़त देख चुके हैं। इस्पात में भी यही किस्सा दोहराया जानेवाला है। इसमें कोई शक नहीं कि इस्पात को उन कुछ स्टॉक्स में गिना जाता है जिनका प्रबंधन अच्छा नहीं माना जाता। इसलिए बाजार इसमें भविष्य के असर को बहुत ही कम आंक कर चल रहा है। होता है। ऐसा बहुत से शेयरों के साथ होता है। लेकिन एक समय आता है जब यही बाजार इन कंपनियों के प्रबंधन को अच्छा बताने लगता है। बात यह है कि यह स्टॉक बेहद मजबूत हाथों के नियंत्रण में है और वह अपने हित के हिसाब के देर-सबेर कदम उठाएगा। इसलिए हमें थोड़ा धीरज रखना चाहिए।
अगले दो दिन एनएवी के चलते निफ्टी के 50 और सेंसेक्स के 30 शेयरों के लिए बेहद सकारात्मक नजर आ रहे हैं। इसलिए उम्मीद, जोश और हौसला बनाए रखिए।
हमें अपनी ऐसी छवि नहीं बनानी चाहिए जो हम नहीं हैं क्योंकि झूठ से परदा हटने पर सच का सामना करना बेहद मुश्किल हो जाता है।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है लेकिन फालतू के वैधानिक लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)