अजीब भेड़चाल चलती है हमारे बाजार में। धारा के साथ बहना लोगों की आदत हो गई है। निफ्टी जब 4800 पर चला गया था तो एक भी शख्स ऐसा नहीं था जो कहता कि यह फिर से 5300 तक जाएगा, वह भी इसी सेटलमेंट में। लेकिन ऐसा हो गया। निफ्टी एक तरह से नए शिखर पर पहुंच गया है जबकि बीएसई सेंसेक्स 18,000 को पार करने से ज़रा-सा चूक गया। तो, अब पूरा बाजार एक ही राग अलापने लगा है कि निफ्टी तो 5500 और 5700 पर चला जाएगा।
मैं भी मानता हूं कि हमारी अर्थव्यवस्था की मूल ताकत बाजार को वहां तक ले जाएगी। लेकिन इतना तय है कि बाजार अभी ओवरबॉट स्थिति में है यानी, खरीद जरूरत से ज्यादा हो चुकी है। ऐसे में मामूली-सी गिरावट भी सारे समीकरण बदल सकती है और बाजार 5200 तक लुढ़क सकता है, फिर 5140 तक पहुंच सकता है। हमें इस सेटलमेंट के अंत तक ही नहीं, जुलाई में भी बेहद सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है।
जिन्होंने डिलीवरी आधारित सौदे किए हैं, उन्हें घबराने की कोई जरूरत नहीं है। जिन्होंने डेरिवेटिव में खरीद कर रखी है, लेकिन सीमित स्तर पर, उनके लिए भी कोई समस्या नहीं है। हां, उन्हें 10 से 15 फीसदी गिरावट के लिए तैयार रहना चाहिए और उनमें मार्क टू मार्केट (भाव के अंतर का नुकसान) चुकाने की क्षमता होनी चाहिए।
चूंकि आप में से बहुत से लोग मेरी बात से सहमत नहीं होंगे तो आप खरीद की स्थिति बनाए रख सकते हैं। हालांकि इस समय मेरी सलाह यही है कि आप इंतजार करें और बाजार पर नजर रखें। शॉर्ट की कॉल या बेचने की सलाह हम दे चुके हैं। यह आप पर है कि आप इसे मानें या नहीं। हर 100 में से 98 ट्रेडर लांग या खरीद की स्थिति में बने रहना चाहते हैं और केवल दो ही शॉर्ट सौदे शुरू कर सकते हैं।
बाजार में हर कोई अब श्राडेर डंकन की चर्चा कर रहा है। शिवालिक बाईमेटल में अब भी बटोरने का सिलसिला जारी है। जब तक खरीदार इसे पर्याप्त मात्रा में बटोर नहीं लेते और यह काउंटर एकदम सूख नहीं जाता, तब तक वे इसे नई ऊंचाई पर नहीं ले जाएंगे। एलनेट टेक्नोलॉजीज अभी तक सबसे ठंडा स्टॉक बना हुआ था, लेकिन अब इसमें काफी सौदे हो रहे हैं और यह 76 रुपए से ऊपर जाने की तैयारी कर चुका है।
क्वेंटेग्रा और आईओएल नेटकॉम को खरीद कर भरा जा रहा है। शेयर इस हाथ से दूसरे हाथ में जा रहे हैं। क्वेंटेग्रा अभी 12.99 रुपए और आईओएल नेटकॉम 17.10 रुपए पर है। जिन्होंने क्वेंट्रेगा को जनवरी 2008 में 250 रुपए के ऊपर खरीदा था, वे अब इसे बेच रहे हैं और खरीदनेवाले दूसरे लोग इसे फिर से चमकाएंगे। हिंदुजा समूह की कंपनी गल्फ ऑयल एक विस्फोटक मुकाम पर है। मुंबई का एक ब्रोकर जिसका नाम ए से शुरू होता है और जिसका ताल्लुक देश के सबसे बड़े उद्योग समूह है, उसने इस स्टॉक को अपनी गिरफ्त में ले रखा है।
हम जानते हैं कि सड़क के बीचोबीच चलनेवालों का क्या हश्र होता है। वे कुचल दिए जाते हैं।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है । लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)