नेताजी तैयार हैं 4000 करोड़ के साथ

बीएसई सेंसेक्स इधर-उधर होता रहा, फिर भी उसमें ज्यादा गिरावट नहीं आई। एनएसई निफ्टी 5477 अंक को पार नही कर सका तो बाजार में करेक्शन आ गया और जो भी थोड़ी-बहुत बढ़त हुई थी, मिट गई। लेकिन इसके कोई खास फर्क नहीं पड़ता। हकीकत यह है कि एचएनआई (हाई नेटवर्थ इंडीविजुअल) यानी अमीर निवेशक अब बाजार में लौट रहे हैं और कैश सेगमेंट का सतहीपन मिट रहा है, गहराई आ रही है। सभी छोटे-मोटे ऑपरेटर सक्रिय हो गए हैं और 20 फीसदी का सर्किट ब्रेकर लगना आम बात हो गई है। वीआईपी की चकाचौंध के बाद अब सफारी इंडस्ट्रीज का शोर है। कल इस पर 20 फीसदी का सर्किट लगा था और आज भी लगा। इस स्टॉक को हमने इसे 17 रुपए पर पकड़ा था और साफ-साफ कहा था कि यह वीआईपी के बाद छलांग लगाएगा।

मिड कैप शेयरों में नवंबर 2010 तक चलनेवाले अब तक के सबसे बड़े तेजी के दौर का आगाज हो चुका है। मुझे कोई आश्चर्य नहीं होगा जो इसमें से कुछ अच्छी क्वालिटी के स्टॉक 200 से 300 फीसदी बढ़ जाएं। इसकी वजह बड़ी सरल व सीधी है। छोटे-बड़े ऑपरेटरों के साथ ही सभी ब्रोकर सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने पिछले दो साल में कोई पैसे नहीं बनाए हैं और उनका ब्रोकिंग का धंधा भी अच्छा नहीं चल रहा है। इसलिए वे कंपनियों के प्रबंधन से हाथ मिला रहे हैं और नई-नई खबरें व योजनाएं सामने लाई जा रही हैं। इसके दो फायदे हैं। एक, इससे इन शेयरों में वोल्यूम काफी बढ़ेगा और दो, ब्रोकरों को अपने खाते (प्रोप्रायटरी) में हुए फायदे से धंधे में टिकने में विशेष मदद मिलेगी।

यह तथ्य भी ध्यान रखें कि ऐतिहासिक रूप से भारत में ज्यादातर ब्रोकर प्रोप्रायटरी ट्रेड में लगे रहे हैं। साथ ही 70:30 हिस्सेदारी की स्कीम बाजार में तेजी से फैल रही है। मतलब पैसा हम लगाएंगे। फायदे में से 70 फीसदी हमारा और 30 फीसदी ब्रोकर का। यह इस बात का संकेत है कि बाजार में भारी पैसा वापस आ रहा है। मुझे अच्छी तरह मालूम है कि एक नेताजी इस तरह की स्कीम में 4000 करोड़ रुपए लगाने जा रहे हैं। इससे बाजार में गहराई आएगी और गिरावट पर लगाम लगेगी। छोटे व रिटेल निवेशक इनके पीछे भागते हैं। वे शुरुआत में पैसे भी बनाते हैं, लेकिन आखिरकार बाजार के धराशाई होने पर उन्हें तगड़ी चपत भी लगती है।

हमने आपको वीआईपी व सफारी जैसे स्टॉक दिए। लेकिन आपको यकीन नहीं था कि ये स्टॉक 20 गुना तक फायदा दे सकते हैं। अब आप एसएनएल, विंडसर और धामपुर स्पेशियलटी शुगर पर नजर रखें। ये सभी अगले दो साल में 10 गुना बढ़ सकते हैं। इसमें से धामपुर स्पेशियटीज शुगर को वन मैन आर्मी (केतन पारेख) 190 रुपए तक बटोरता रहा था। अब भी उसके पास इसके काफी शेयर हैं और उसमें भी इसे वीआईपी बनाने की क्षमता है। मेरा तो यही कहना है कि इन शेयरों के बारे में आप खुद अपना फैसला करो क्योंकि इनके बारे में मैं आपको ज्यादा कुछ नहीं बता सकता।

हम एसएनएल और विंडसर पर रिसर्च रिपोर्ट तैयार कर चुके हैं और जल्दी ही धामपुर पर भी रिपोर्ट लाने की कोशिश करेंगे। सुरक्षित निवेश के लिहाज से विम प्लास्ट, गिलैंडर्स, कैम्फर व कैनफिन होम्स का जवाब नहीं। क्या आपको यू बी इंजीनियरिंग याद है? नहीं! हमने इस पर तब अपनी रिपोर्ट निकाली थी, जब यह 65 रुपए पर था। अभी यह 210 रुपए पर है और 350 रुपए की तरफ बढ़ रहा है। विजय माल्या उस मूल्य पर कंपनी तक बेच डालेंगे…

अगर आप उसी नदी में देर तक खड़े रहेंगे तो किनारे तक आपसे आगे निकल जाएंगे।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ हैलेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

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