सरकार भले ही एक तोला भी गेहूं नहीं पैदा करती हो, लेकिन लक्ष्य तय करने के उसे कोई नहीं रोक सकता। उसने वर्ष 2011-12 के लिए 840 लाख टन गेहूं के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। कृषि राज्य मंत्री हरीश रावत ने मंगलवार को लोकसभा में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गेहूं के उत्पादन का लक्ष्य प्राप्त करने और इसकी उत्पादकता बढ़ाने के लिए कई फसल विकास कार्यक्रम उनके मंत्रालय की ओर से कार्यान्वित किए जा रहे हैं।
उन्होंने एक अन्य सवाल के उत्तर में बताया कि कृषि क्षेत्र के दीर्घकालीन विकास के लिए योजनाबद्ध विकास प्रयासों पर खास ध्यान दिया गया है। 2007 में किसानों के लिए बनाई गई राष्ट्रीय नीति से कृषि गतिविधियां और अधिक व्यापक हुई हैं और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। 11वीं योजना के दौरान कुछ खास क्षेत्रों की पहचान की गई ताकि कृषि में दीर्घकालीन और समग्र विकास के लिए किए जा रहे सार्थक प्रयासों को बल मिल सके।
इनमें सार्वजनिक निवेश में वृद्धि, अनुसंधान और विस्तार उन्नत प्रौद्योगिकी का प्रभावी उपयोग, मिट्टी का उपयुक्त और दीर्घकालीन उपयोग, जल और प्राकृतिक संसाधन, आधार संतुलित उर्वरक उपयोग, फसलों और पशुधन का उचित समन्वयन का कृषि व्यवस्था से उचित समन्वय आदि जैसे मुद्दे शामिल हैं।