बड़ा हुआ तो क्या हुआ? जैसे, पेड़ खजूर

अंतरराष्ट्रीय एजेंसी एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग्स ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में कहा है कि भारत साल 2030 तक जर्मनी व जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इससे पहले इसी साल जुलाई में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने भी कहा था कि भारत साल 2027 तक दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इसके कुछ दिन बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीना ठोंककर कहा, “मेरे तीसरे कार्यकाल में भारत विश्व की तीन टॉप अर्थव्यवस्थाओं में शुमार होगा – यह मोदी की गारंटी है।” सवाल उठता है कि जो लक्ष्य अपने-आप हासिल होने जा रहा है, उसका श्रेय प्रधानमंत्री मोदी ने गारंटी बोलकर ले भी लिया तो इससे देश के व्यापक अवाम का क्या भला होगा? अभी हाल के विधानसभा चुनावों के दौरान मोदी ने 81.35 करोड़ गरीबों को महीने में पांच किलो राशन मुफ्त में देने की योजना पांच साल तक बढ़ाने की घोषणा कर दी और कैबिनेट ने यह योजना पारित भी कर दी। ये पांच साल भी मोदी के तीसरे कार्यकाल के दौरान ही पड़ेंगे। देश की 65% आबादी 35 साल तक की है। जिन 81.35 करोड़ लोगों में मुफ्त अनाज की दरकार है उसमें 53 करोड़ नौजवान होंगे! तब क्या भारत का डेमोग्राफिक डिविडेंड भिखारी बन जाएगा? अब सोमवार का व्योम…

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