शेयर बाजार का माहौल अब भी इतना थिर नहीं हुआ है कि उसमें आराम से गोता लगाकर अच्छे शेयरों को सस्ते भाव पर पकड़ लिया जाए। सूचकांक में शामिल शेयरों की चाल अलग है। इससे अलग ब्रोकर भाई लोग मिड कैप व स्मॉल कैप शेयरों को बराबर धुने हुए हैं। सक्रिय निवेशक व ट्रेडर मार्जिन कॉल दे नहीं पा रहे हैं तो ब्रोकर ऐसे शेयरों को बेचे जा रहे हैं। वैसे एक-दो दिन में बाजार सामान्य हो जाएगा। लेकिन जिंदगी अब भी नहीं रुकी है, आगे भी नहीं रुकेगी। समय चल रहा है तो वो भी बराबर चलती रहेगी।
ओमकार स्पेशियलिटी का शेयर (बीएसई – 533317, एनएसई – OMKARCHEM) शुक्रवार को अच्छे तिमाही नतीजों की घोषणा के बावजूद एनएसई में 14.12 फीसदी और बीएसई में 14.94 फीसदी गिरा था। अनुमान और माहौल के मुताबिक कल और गिर गया। बीएसई में 6.38 फीसदी और एनएसई में 7.87 फीसदी। फिलहाल एनएसई में 58.55 रुपए पर बंद हुआ है। ठीक पिछले बारह महीनों (टीटीएस) का ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 6.19 रुपए है। इस तरह 9.46 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। शेयर की बुक वैल्यू 46.99 रुपए है।
कुल मिलाकर देखें तो इसके शेयर को दो कारोबारी सत्रों में 34.22 फीसदी का झटका लगा है। नतीजों की घोषणा के दिन, 5 अगस्त को यह ऊपर में 82.40 रुपए तक गया था, जबकि कल नीचे में 54.20 रुपए तक गिर गया। इस तीखी गिरावट की एक वजह तो यह समझ में आती है कि इसमें जमकर मुनाफावसूली हुई है। शुक्रवार को बीएसई में इसके 4.56 लाख शेयर बेचे गए जिसमें से 38.06 फीसदी डिलीवरी के लिए थे। इसी तरह एनएसई में ट्रेड हुए इसके 4.38 लाख शेयरों में से 26.60 फीसदी डिलीवरी के लिए थे। कल इसका वोल्यूम घटकर करीब 1/6 रह गया। लेकिन इसके भाव दबाकर और तोड़ डाले गए।
यह सब तब हुआ, जब कंपनी ने जून 2011 की तिमाही में 42.56 करोड़ रुपए की बिक्री हासिल की है जो पिछले साल की समान अवधि की बिक्री 22.42 करोड़ रुपए से 89.83 फीसदी ज्यादा है। उसका शुद्ध लाभ इस दौरान 4.02 करोड़ रुपए रहा है जो साल भर के 2 करोड़ रुपए की तुलना में 101 फीसदी ज्यादा है। ऐसे में कैसे मान लिया जाए कि हमारे शेयर बाजार में कंपनियों के सही मूल्य का अन्वेषण होता है! यहां की मूल्य-अन्वेषण या प्राइस डिस्कवरी प्रणाली में कुछ तो गड़बड़ है? या फिर, पारदर्शिता में कोई खोट है जो कंपनी की असली तस्वीर आम निवेशकों के सामने नहीं आ पा रही है। और, खास निवेशक खास सूचनाओं के आधार पर इसे पीटे जा रहे हैं? दोनों ही स्थितियां हमारे पूंजी बाजार के विकास यानी देश की आर्थिक स्वावलंबन के लिए ठीक नहीं हैं।
ओमकार स्पेशियलिटी केमिकल्स शेयर बाजार के लिए पुरानी कंपनी नहीं है। उसका आईपीओ सात महीने पहले इसी साल जनवरी में आया था, जिसके तहत उसके दस रुपए अंकित मूल्य के शेयर 98 रुपए पर जारी किए गए और इश्यू 1.16 गुना सब्सक्राइब हुआ था। 10 फरवरी को लिस्टिंग के दिन यह ऊपर में 101 रुपए तक जाने के बाद नीचे में 42.50 रुपए तक गिर गया और बंद हुआ 46.20 रुपए पर। इसके पीछे ऑपरेटरों का जो भी खेल रहा है, लेकिन कंपनी बुरी नहीं है। हालांकि 22 मार्च को इसका शेयर 26.65 रुपए की तलहटी पकड़ चुका है। यानी, वहां से अब तक यह पिछले कुछ दिनों में गिरने के बावजूद करीब 120 फीसदी बढ़ चुका है।
यह 2005 में बनी कंपनी है। सेलेनियम, आयोडीन व मॉलिबडेनम के यौगिक और दवा में इस्तेमाल होनेवाले कुछ रसायन – पोटैशियम आइसोडेट, बिसमुथ अमोनियम साइट्रेड व ब्रोमोफॉर्म वगैरह बनाती और बेचती है। उसके उत्पादों की खपत दवा के साथ रसायन, ग्लास, कॉस्मेटिक्स, सिरैमिक पिगमेंट और पशु आहार व पोल्ट्री फीड उद्योगों में होती है। वह निर्यात भी करती है, लेकिन अभी तक यह मात्रा कुल उत्पादन के 15 फीसदी से कम ही रही है। उसकी चार उत्पादन इकाइयां मुंबई से सटे ठाणे जिले के बदलापुर में हैं।
कंपनी के प्रवर्तक प्रवीण हेरलेकर और ओमकार हेरलेकर हैं। कंपनी की ब्रिकी व शुद्ध लाभ लगातार पिछले सालों में बढ़ते रहे हैं। उसका रिटर्न ऑन इक्विटी 37.49 फीसदी के ठीकठाक स्तर पर है। थोड़ी चिंता की बात यह है कि उसका ऋण-इक्विटी अनुपात 1.93 है जिसके पता चलता है कि उसने काफी कर्ज ले रखा है। उसने 2010-11 में 4.85 करोड़ रुपए का ब्याज चुकाया था, जबकि जून 2011 की तिमाही में दिए गए ब्याज की मात्र 1.53 करोड़ रुपए है। लेकिन धंधे में तो कर्ज लेना और लौटाना तो लगा ही रहता है। आईपीओ से उसने कुल 79.38 करोड़ रुपए जुटाए थे, जिसका इस्तेमाल नई इकाई लगाने और पुरानी इकाइयों के क्षमता विस्तार के साथ-साथ कार्यशील पूंजी के लिए भी करना था।
कंपनी की कुल 19.63 करोड़ रुपए की इक्विटी में प्रवर्तकों का हिस्सा 58.73 फीसदी और पब्लिक का हिस्सा 41.27 फीसदी है। पब्लिक के हिस्से में 5.90 फीसदी शेयर एफआईआई (तैयब सिक्यूरिटीज मॉरीशस) और 5.20 फीसदी शेयर डीआईआई (एक्सिस बैंक) के पास हैं। कंपनी स्मॉल कैप में गिनी जाती है। उसके शेयरधारकों की कुल संख्या 6872 है। इसमें से 6 बड़े शेयरधारकों के पास उसके 16.72 फीसदी शेयर हैं। इनमें तैयब व एक्सिस के अलावा एसएमसी ग्लोबल सिक्यूरिटीज (1.51 फीसदी), रंजीत भवनानी (1.49 फीसदी), गोल्ड कॉयन मार्केटिंग (1.45 फीसदी) और आमंड्स कैपिटल (1.17 फीसदी) शामिल हैं।