अजीब विरोधाभासों से भरा देश है अपना। यहां की 60 फीसदी से ज्यादा श्रमशक्ति कृषि पर निर्भर है। लेकिन खेतों में काम करने के लिए मजदूर नहीं मिलते। मिलें भी तो कैसे? जहां 80 फीसदी से ज्यादा किसानों के पास ढाई एकड़ से कम जमीन हो और देश में जोतों का औसत आकार दस साल पहले 2001-02 में ही 3.5 एकड़ पर आ चुका हो, वहां मजदूर खेती-किसानी में काम करें भी तो किसके यहां। यहां तो किसान भी फसलों के मौसम में ही अपने खेत पर मजदूरी करता है। बाकी साल में कम से कम आठ महीने मजदूरी कमाने के लिए शहरों का रुख कर लेता है।
ऐसे में खेती-किसानी में छोटी-छोटी मशीनों का इस्तेमाल बढ़ रहा है और आगे बढ़ता ही जाएगा। इसे मौके और संभावना को पकड़ने के धंधे में लगी है बैंगलोर से संचालित होनेवाली कंपनी वीएसटी टिलर्स ट्रैक्टर्स। 1967 में बनी कंपनी है। कंपनी ने जापान के मित्सुबिशी कॉरपोरेशन के तकनीकी व वित्तीय सहयोग का समझौता कर रखा है। हालांकि कंपनी की 8.64 करोड़ रुपए की इक्विटी में मित्सुबिशी का हिस्सा मात्र 2.93 फीसदी है, जबकि भारतीय प्रवर्तकों के पास 50.92 फीसदी इक्विटी है। कंपनी पावर ट्रिलर, छोटे ट्रैक्टर, धान रोपने की मशीन और कृषि में काम करनेवाले इंजिन बनाती है।
उसका उत्पादन संयंत्र बैंगलोर के पास लगा है। उसके अपना डिजाइन विकास केंद्र है। पावर टिलर और ट्रैक्टर वह अफ्रीकी देशों को निर्यात करती है। ट्रैक्टर मध्य-पूर्व, रूस व तुर्की को निर्यात किए जाते हैं। वो कृषि के उपकरणों के कलपर्जे भी बनाती है जिन्हें वह यूरोप, कोरिया व थाईलैंड को बेचती है। देश की बात करें तो दक्षिण से उत्तर और पूरब से लेकर पश्चिम तक उसने डीलरों का अपना नेटवर्क बिछा रखा है।
जाहिर है कि देश के कृषि क्षेत्र के सच पर टिका हुआ है वीएसटी टिलर्स का बिजनेस मॉडल। इसलिए उसका धंधा फल-फूल भी रहा है। पिछले पांच सालों में उसकी बिक्री 27 फीसदी और शुद्ध लाभ 44 फीसदी की सालाना चक्रवृद्धि दर से बढ़ा है। हालांकि बीते वित्त वर्ष 2011-12 की जून तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 14.53 फीसदी, सितंबर तिमाही में 7.04 फीसदी और दिसंबर तिमाही में 15.30 फीसदी ही बढ़ा है। लेकिन दिसंबर तक के नतीजों के आधार पर उसका पिछले बारह महीनों का ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 57.87 रुपए है। उसका दस रुपए अंकित मूल्य का शेयर कल, 17 अप्रैल 2012 को बीएसई (कोड – 531266) में 481.90 रुपए और एनएसई (कोड – VSTTILLERS) में 479.85 रुपए पर बंद हुआ है।
इस तरह वीएसटी टिलर्स का स्टॉक फिलहाल 8.33 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। अक्टूबर 2010 में यह शेयर 625 रुपए की ऊंचाई तक जा चुका है जो इसका अब तक का उच्चतम स्तर है। वहीं अप्रैल 2009 में यह 85 रुपए के न्यूनतम स्तर तक चला गया था। पिछले दो सालों में इसका अधिकतम पी/ई अनुपात अभी तक 15.29 और न्यूनतम पी/ई अनुपात 6.90 का रहा है। इस समय वो इसके बीच में चल रहा है। इक्विटी रिसर्च के माहिर लोग बताते है कि यह शेयर अगले चार-पांच साल में दोगुना हो सकता है। लेकिन ध्यान रखें कि यह स्मॉल कैप कंपनी है। इसलिए इसमें काफी उतार-चढ़ाव आता रहता है। पिछले एक महीने के दौरान ही यह नीचे में 440.10 रुपए और ऊपर में 499 रुपए तक जा चुका है। इसका 52 हफ्ते का न्यूनतम भाव 405.25 रुपए (5 मई 2011) और उच्चतम भाव 580 रुपए (22 जुलाई 2011) है।
ज्यादा कुछ न कहकर बस इतना बताना चाहता हूं कि कंपनी जितनी मांग है, उसे पूरा नहीं कर पा रही है। इसके लिए वह फिलहाल 100 करोड़ रुपए की लागत से क्षमता विस्तार की परियोजना पर अमल कर रही है। यह काम करीब छह महीने में अक्टूबर 2012 तक पूरा हो जाने की उम्मीद है। जाहिरा तौर पर इससे कंपनी का धंधा बढ़ जाएगा। इसलिए हमारी राय में वीएसटी टिलर्स में निवेश करना सही रहेगा। बाकी आपकी मर्जी।